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सुधीर कुमार शर्मा
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जयपुर। बुधवार का दिन प्रदेश के लिए अशुभ संकेत लाने वाला रहा है। इस वर्ष के सबसे बड़े चंद्रग्रहण से पहले दिन में भूकंप का आना लोगों में भय का माहौल बना गया। बुधवार को दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में भूकंप आ गया। राजस्थान में भी भूकंप के झटके लगे। जयपुर में भी लोग डर कर घरों से बाहर निकल आए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.2 मापी गई और इसका केंद्र अफगानिस्तान-तजिकिस्तान के हिंदूकुश इलाके में रहा है। ज्योतिषाचार्य चंद्रग्रहण से पहले भूकंप आने को अशुभ संकेत बता रहे हैं। उनका मानना है कि ये दोनों घटनाएं एक साथ होना दुर्घटना और भय जैसी स्थिति लाने वाला होता है।
चर्चा में रहा यह संयोग
बुधवार को दोपहर में चंद्रग्रहण से पहले जलजले रूपी भूकंप ने दस्तक दी। एक ही दिन में भूकंप और चंद्रग्रहण होने से लोगों में दिनभर चर्चा होती रही। कोई इस घटना को लेकर भयभीत था तो कोई कह रहा था कि यह शुभ संकेत नहीं है, दिन में भूकंप और शाम को चंद्रग्रहण के बाद अगला प्रभाव क्या होगा? वहीं कोई इसे धरातलीय कंपन्न बता कर लोगों को दिलासा दे रहा था।
ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि चंद्रग्रहण से पहले भूकंप आना दुर्घटना और भय जैसी स्थिति लाने वाला होता है। इस वर्ष चंद्रग्रहण पुष्य अश्लेखा नक्षत्र एवं कर्क राशि में हो रहा है। पुष्य अश्लेखा नक्षत्र देश-प्रदेश और व्यक्ति विशेष के लिए अशुभकारी साबित होने वाला होता है। इसके असर से प्रदेश की राजनीति भी प्रभावित होगी।
उन्होंने बताया कि यह चंद्रग्रहण भी कई लोगों पर भारी पड़ने वाला है। माघ मास में पूर्णमासी में चंद्रग्रहण होना वेद शास्त्रों का अध्ययन करने वाले शिक्षार्थियों और बच्चों के लिए कष्टदायी होता है। यह चंद्रग्रहण देश-प्रदेश में अराजकता, उपद्रव और भय को बढ़ाने वाला साबित होगा।
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