जयपुर। सिटी पैलेस में आयोजित किए जा रहे समर ट्रेनिंग प्रोग्राम में बच्चों को राजस्थान की पारंपरिक कलाओं का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिनमें बांसुरी, अलगोजा जैसे वाद्य यंत्र और कठपुतली शामिल हैं। शिविर के तहत आयोजित की जा रही इन कार्यशालाओं में 8 से 30 वर्ष के प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। यह समर कैम्प महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय संग्रहालय, रंगरीत आर्ट स्कूल और सरस्वती कला केंद्र द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बांसुरी व अलगोजा कार्यशालाइस कार्यशाला में 30 प्रतिभागी बांसुरी व अलगोजा वादन सीख रहे हैं। शुरुआत में इन वाद्य यंत्रों के मूलभूत सिद्धांतों, उनके पोजीशनिंग, ध्वनि तकनीकों को सीखने के बाद अब प्रतिभागी राग भोपाली का अभ्यास कर रहे हैं। कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को सरगम व अलंकार के अतिरिक्त ‘बाईसा रा बीरा’ जैसे लोकप्रिय लोक गीत व राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र के ‘धमाल की धुन’ सिखाए जा रहे हैं।
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