जयपुर। राजस्थान सूक्ष्म एवं लघु उद्यम सुविधा परिषद ने मंगलवार को 42वीं बैठक में राज्य की 8 एमएसएमई इकाइयों के बकाया भुगतान के प्रकरणों को आपसी समझाइश से निबटाते हुए प्रकरणों को समाप्त किया गया है। बैठक में 10 इकाइयों के पक्ष में अवॉर्ड पारित किए गए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उद्योग आयुक्त डॉ. समित शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार के एमएसएमईडी एक्ट 2006 के प्रावधानों के अनुसार सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों से सामान प्राप्त करने वाले उद्योगों या संस्था को राशि का भुगतान 45 दिन में नहीं होने की स्थिति में संबंधित पक्ष उद्योग आयुक्त की अध्यक्षता में गठित सूक्ष्म एवं लघु उद्यम सुविधा परिषद में वाद प्रस्तुत कर राहत प्राप्त कर सकते हैं। एमएसएमईडी एक्ट 2006 के प्रावधानों के अनुसार 45 दिन में भुगतान नहीं करने वाले पक्ष को मूलधन एवं विलंबित अवधि की बैंक ब्याज दर की 3 गुणा दर से ब्याज का भुगतान करना होता है।
उद्योग आयुक्त डॉ. शर्मा की अध्यक्षता में गठित परिषद के उद्योग आयुक्त डॉ. समित शर्मा के अलावा संयोजक राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति एन.सी. उप्रेती, उद्योग संघों के प्रतिनिधि ताराचंद गोयल, राजेन्द्र राठी व योगेश गौतम सदस्य हैं। बैठक में ताराचंद गोयल, राजेंद्र राठी व योगेश गौतम उपस्थित थे।
उद्योग आयुक्त डॉ. समित शर्मा ने बताया कि सुविधा परिषद के प्रयासों से कल्पना इंडस्ट्रीज झुंझुनूं का जयपुर विद्युत वितरण निगम के विरुद्ध बकाया राशि के पांच प्रकरणों, एक अजमेर विद्युत वितरण निगम और अलवर रेफ्रिजरेटर जयपुर के भावनगर एनर्जी कंपनी गुजरात के विरुद्ध बकाया के प्रकरण का आपसी समझौते से निष्पादन कराकर बड़ी राहत दिलाई गई है। इसके साथ ही अनामिका कंडक्टर्स जयपुर के पटना बिहार क नोर्थ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन के विरुद्ध बकाया राशि के प्रकरण का निबटारा आपसी सहमति से हो गया है।
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