जयपुर। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ की अध्यक्षता में शुक्रवार को विधानसभा स्थित कक्ष में हुई एक बैठक में लिए गए निर्णयों के बाद राजस्थान सरपंच संघ ने अपना आंदोलन वापस ले लिया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राठौड़ ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि आरटीपीपी एक्ट के अंतर्गत श्रम एवं सामग्री सहित सीमित निविदा के आधार पर करवाए जाने वाले पांच लाख रुपए तक के कार्य जिनकी वार्षिक सीमा 50 लाख तक निर्धारित है, अब यह सीमा केवल सामग्री एवं विविध व्यय के पेटे मानी जाएगी और मस्टररोल पर नियोजित होने वाले श्रमिक इस सीमा में शामिल नहीं होंगे। वहीं पांच लाख से अधिक लागत के कार्य मस्टररोल पर भी कराए जा सकेंगे।
पंचायतीराज मंत्री ने बताया कि पेयजल के लिए ट्यूबवैल, हैंडपम्प, पानी की टंकी, तथा टांकों का निर्माण निजी भूमि पर 100 रुपए के स्टाम्प पेपर पर भूमिधारक द्वारा राज्य सरकार के पक्ष में सहमति पत्र जारी करने पर कराया जा सकेगा। इस सहमति पत्र के आधार पर एक आवश्यक नामांतकरण कराया जा सकेगा।
राठौड़ ने बताया कि वर्तमान एसओपी के अंतर्गत जेईएन/जेटीए, एईएन तथा एक्सईएन को जिन सीमाओं तक तकनीकी स्वीकृति एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी करने की शक्तियां प्राप्त हैं, उन्हीं सीमाओं तक ही इन्हें कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने की शक्तियां दी जाएंगी। बैठक में निर्णय लिया गया कि कार्यों की गुणवत्ता परीक्षण कराने में सरपंचों को आ रही कठिनाइयों को दूर करने के लिए सभी जिलों/पंचायत समितियों में 31 मार्च 2018 तक विभागीय गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना की जाएगी। प्रयोगशाला स्थापित नहीं होने की स्थिति में मोबाइल लैब की सेवा उपलब्ध कराई जाएगी।
पंचायतीराज मंत्री ने बताया कि गांवों की सफाई एवं रोशनी व्यवस्था के लिए बीएसआर दर निर्धारित कर लागू किए जाने, सरपंचों के विरुद्ध तथ्य और सारहीन शिकायतों के मद्देनजर शिकायतकर्ता से 50 रुपए के स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र लेने तथा आबादी भूमि में पट्टों के नामांतकरण एवं रूपांतरण के प्रावधान के लिए जरूरी आदेश जारी किए जाने संबंधी निर्णय भी लिए गए।
बैठक में मुख्य सचिव निहाल चंद गोयल, अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडीपीआर सुदर्शन सेठी, शासन सचिव पंचायतीराज नवीन महाजन, शासन सचिव ग्रामीण विकास रोहित कुमार, राजस्थान सरपंच संघ के प्रदेशाध्यक्ष भंवरलाल जानू, सरपंच संघ के प्रदेश संयोजक गोविंद सिंह लांबा, सरपंच संघ अजमेर के जिलाध्यक्ष महेन्द्र सिंह, सरपंच संघ प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य राजाराम पचारिया, शक्ति सिंह रावत तथा जितेन्द्र सिंह पलाड़ा उपस्थित थे।
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