जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने राज्य की भाजपा सरकार पर निजी स्कूलों द्वारा की गई मनमानी फीस वृद्धि को नियंत्रित नहीं करने को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पायलट ने कहा कि एक तरफ तो सरकार दावा कर रही है कि अनियंत्रित फीस वृद्धि होगी तो स्कूल की मान्यता समाप्त कर दी जाएगी, वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग और निजी स्कूलों की मिलीभगत के कारण 40 से 50 प्रतिशत तक फीस वृद्धि कर दी गई है। उन्होंने कहा कि सरकार वाहवाही लूटने के लिए कहती है कि फीस नियंत्रण कानून लागू हो चुका है, परन्तु सच्चाई यह है कि कानून की अनुपालना नहीं हो रही, जिसके अनुसार प्राइवेट स्कूलों को सिर्फ 10 प्रतिशत प्रतिवर्ष फीस वृद्धि का अधिकार है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लाए गए कानून में सजा का प्रावधान भी नहीं है, जिसके कारण यह कानून प्रभावहीन है।
उन्होंने कहा कि आज अभिभावकों को एक लाख से भी ज्यादा रुपए सालाना देकर बच्चों को शिक्षा दिलवानी पड़ रही है, जो उनके आर्थिक शोषण का सबसे बड़ा कारण बन गया है। सरकार के पास असीमित अधिकार होते हैं, जिनका उपयोग कर सरकार जनता को राहत प्रदान कर सकती है, लेकिन प्रदेश में जिस स्तर पर फीस वृद्धि का खेल जारी है, उससे साफ पता चलता है कि इस पूरी प्रक्रिया में सरकार की मौन स्वीकृति है। उन्होंने कहा कि सरकार को अविलम्ब अभिभावकों को राहत देने के लिए सभी निजी स्कूलों से फीस वृद्धि की जानकारी प्राप्त कर उन्हें बढ़ाई हुई फीस वापस लेने के लिए पाबंद करना चाहिए और अपनी जिम्मेदारी को अभिभावकों के सिर पर मंढ़ने से बचना चाहिए।
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