कार्यक्रम में संयुक्त निदेशक कृषि (रसायन) अजय पचौरी ने प्रेजेन्टेशन के
जरिये किसानों को बताया कि मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी होने से इनकी कमी
पैदा किए जा रहे चारे व अनाज में भी रहती है। इससे लोगों व पशुओं के
स्वास्थ्य पर खराब असर पडता है। इसलिए मिट्टी की जांच के आधार पर संतुलित
उर्वरक व जीवांश खाद का उपयोग करना चाहिए। खेत के कचरे को जलाने के बजाय
उत्तम खाद बनाई जा सकती है। कार्यक्रम में किसानों को मृदा स्वास्थ्य से
संबंधित फिल्म भी दिखाई गई। इस अवसर पर आर.ए.सी.पी. के परियोजना निदेशक डॉ.
ओमप्रकाश सहित कृषि विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे। ये भी पढ़ें - इस गांव में अचानक लग जाती है आग, दहशत में लोग
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