जयपुर। श्रम मंत्री जसवन्त सिंह ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक कल्याण मण्डल की ओर से निर्माण श्रमिकों के लिए संचालित योजनाओं में धन की कोई कमी नहीं है। उपयोगिता प्रमाण पत्र (यूसी) जारी होने के बाद मांग मिलते ही राशि जारी कर दी जाती है और प्रकरणों का ’पहले आओ-पहले पाओ’ के आधार पर त्वरित निस्तारण किया जा रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
श्रम मंत्री जसवंत सिंह ने प्रश्नकाल में पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि गंभीर प्रकृति के प्रकरणों का तुरंत एवं सामान्य प्रक्रिया के तहत पेंडिंग प्रकरणों का ‘पहले आओ-पहले पाओ’ के आधार पर निस्तारण किया जा रहा है। किसी प्रार्थी के दस्तावेज में कमी रहने पर रिमाइंडर भेजा जाता है। जरूरी प्रमाण पत्र संलग्न कर पूर्ति कर देने पर प्रार्थी को भुगतान कर दिया जाता है। उसके बाद अगले प्रार्थी के प्रकरण का निस्तारण कर लाभान्वित किया जाता है।
इससे पहले विधायक ज्ञानचंद पारख के मूल प्रश्न के जवाब में श्रम मंत्री जसवन्त सिंह ने बताया कि पाली जिले में भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक कल्याण मण्डल की ओर से निर्माण श्रमिकों के लिए संचालित योजनाओं के अंतर्गत निर्माण श्रमिक औजार/टूलकिट योजना के 163, निर्माण श्रमिक जीवन व भविष्य सुरक्षा योजना के 9, निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना के 5159, निर्माण श्रमिक सुलभ्य आवास योजना के 22, प्रसूति सहायता योजना के 174, शुभशक्ति योजना के 1275, सिलिकोसिस पीड़ित योजना के 102 तथा सामान्य व दुर्घटना में सहायता योजना के 112 प्रकरण लंबित थे। अधिकतर प्रकरणों का निस्तारण करने के बाद आदिनांक निर्माण श्रमिक औजार/टूलकिट योजना के 3, निर्माण श्रमिक जीवन व भविष्य सुरक्षा योजना के 0, निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना के 388, निर्माण श्रमिक सुलभ्य आवास योजना के 9, प्रसूति सहायता योजना के 9, शुभशक्ति योजना के 41, सिलिकोसिस पीड़ित योजना के 81 तथा सामान्य व दुर्घटना में सहायता योजना के 34 प्रकरण लंबित रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इन आवेदनों का लंबित रहने का मुख्य कारण श्रम निरीक्षकों के पद रिक्त होने के कारण निस्तारण में विलम्ब हुआ। अब आरपीएससी द्वारा चयन के बाद नियुक्ति देने के फलस्वरूप श्रम निरीक्षकों का पदस्थापन कर पेंडिंग प्रकरणों का ‘पहले आओ-पहले पाओ’ के आधार पर निस्तारण किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सभी लम्बित आवेदनों का निस्तारण नियमानुसार शीघ्र कर दिया जाएगा और आवेदनों के शीघ्र निस्तारण के लिए जिला कलेक्टर स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा करने तथा विकास अधिकारियों को निस्तारण में आ रही समस्याओं के निदान के लिए विभाग स्तर से नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करने के र्निदेश दिए गए हैं।
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