जयपुर। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि पंचायत चुनाव में दो से अधिक बच्चे होने पर चुनाव लड़ने के लिए अयोग्यता संबंधी नियम में बदलाव किया जाना संभव नहीं है, लेकिन दिव्यांग बच्चे को उसी यूनिट में शामिल किए जाने के संबंध में राज्य सरकार विचार कर रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राठौड़ ने शून्यकाल में इस संबंध में उठाए गए मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए कहा कि राजस्थान पंचायतीराज अधिनियम 1994 की धारा 19 में संशोधन कर दो से अधिक संतान होने पर पंचायत चुनाव लड़ने के लिए अयोग्यता संबंधी प्रावधान किया गया था। इसके तहत 1995 से पहले जिनके दो या दो अधिक बच्चे हैं, उन्हें 1995 के बाद एक और बच्चा होने की स्थिति में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया जाता है।
पंचायती राज मंत्री ने कहा कि यह एक प्रगतिशील कानून है और अन्य राज्यों ने भी इसे अपनाया है एवं सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस कानून की प्रशंसा की है। वर्तमान में इस कानून में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जा सकता है, लेकिन जिस प्रकार राज्य कर्मियों को 24 फरवरी 2011 की अधिसूचना के तहत दिव्यांग बच्चे को इस यूनिट में शामिल किए जाने की छूट प्रदान की गई है। उसी तरह पंचायत चुनावों के प्रत्याशियों को भी छूट देने पर राज्य सरकार द्वारा विचार किया जा रहा है।
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