सुधीर कुमार शर्मा ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जयपुर। गुलाबी नगरी के नाम से विख्यात जयपुर सिटी चाहे ओडीएफ घोषित हो चुकी हो अथवा स्मार्ट सिटी बनने की दौड़ में शामिल हो, जयपुर में चाहे स्वच्छता सर्वेक्षण किया जा रहा हो या क्लीन जयपुर अभियान चलाया जा रहा हो, लेकिन इन सबसे उलट ये तस्वीर इन सभी अभियानों की पोल खोल रही है। और कई सवाल खड़े कर रही है। क्या इस तरह हमारा जयपुर स्मार्ट सिटी बन पाएगा? क्या हमारा जयपुर पूरी तरह स्वच्छ हो सकेगा? क्या यह सब कुछ ओडीएफ की घोषणा को थोथी साबित नहीं करता है? यह नजारा तो ‘शहर की सरकार’ के कार्यालय से महज कुछ दूरी से ही दिखना शुरू हो जाता है। पर सबसे खास बात यह है कि शहर भर में स्वच्छता अभियान की अलख जगा रहे जयपुर मेयर, उप मेयर, नगर निगम आयुक्त सहित अन्य अधिकारियों की नजर इन पर क्यों नहीं पड़ रही है।
जयपुर के सौंदर्यन और गुलाबी नगर की गुलाबी आभा को बरकरार रखने के लिए नगर निगम ने परकोटे के बाहर भी करीब-करीब सभी जगह मुख्य मार्गों के दोनों तरफ दीवारों को गुलाबी रंग में रंगवा दिया और सफेद लाइनों से अलग ही लुक दिया गया। इन दीवारों पर नगर निगम ने कुछ ऐसा लिखवा दिया जो आम लोगों के लिए तो सहूलियत पर निगम के लिए मुसीबत बन गया।
जयपुर को क्लीन सिटी घोषित कराने की दौड़ में नगर निगम ने शहर के मुख्य चौराहों पर लोगों की सुविधा के लिए हाईटेक शौचालय बनवा दिए, जगह-जगह जनसुविधा केंद्रों का शुभारंभ कर दिया। कई जगह सुविधा केंद्रों का रिवोवेशन करवा दिया। महिलाओं के लिए भी अलग शौचालय शुरू करवा दिए और तो और छोटे बच्चों तक के लिए सुलभ शौचालयों में पॉट तक उपलब्ध करवा दिए, लेकिन शहर की मुख्य दीवारों पर ध्यान ही नहीं दिया। ‘दीवारों पर लिखे संकेतकों का मतलब तो यही निकलता है कि शौचालय के लिए 50 मीटर आगे जाओ और मूत्रालय यही है।’
टोंक रोड पर रिजर्व बैंक से अजमेरी गेट की तरफ जाने वाले मार्ग की दीवार पर नगर निगम ने शौचालयों की दूरी दर्शाते हुए संकेतक बनवाए, लेकिन यह क्या शौचालय की दूरी और दिशा तो सही लिख दी, लेकिन मूत्रालय उसी जगह पर होना अंकित कर दिया। लोगों ने वहां मूत्रालय अंकित देख उस जगह का उपयोग करना शुरू कर दिया।
शहर के मुख्य मार्ग टोंक रोड पर राम बाग पैलेस की दीवार पर अंकित यह निशान यही बयां कर रहा है। इसी तरह नारायण सिंह सर्किल से थोड़ा पहले दीवार पर, नारायण सिंह तिराहे पर यातायात पुलिस की ट्रैफिक गुमटी के आगे, नारायण सिंह सर्किल से आगे दीवार पर, सेंट्रल पार्क से पहले दीवार पर अंकित ये संकेतक लोगों के लिए सुविधा बने हुए हैं।
गुमटी में बैठना हो रहा है मुश्किल
नारायण सिंह सर्किल पर जब हाईटेक शौचालय और सार्वजनिक शौचालय बनाए गए थे, तब यातायात पुलिस के सिपाहियों ने नगर निगम की टीम से ट्रैफिक गुमटी के पास तारबंदी करने के लिए भी कहा था, लेकिन उनकी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। नारायण सिंह तिराहे पर तैनात ट्रैफिक हेड कांस्टेबल शेर सिंह और होमगार्ड जवान सुरेंद्र चौधरी का कहना है कि रात के समय यहां लोग गंदगी फैला जाते हैं, सुबह-सुबह ड्यूटी पर आने पर गुमटी का दरवाजा खोलने से पहले यहां का हाल देख कर उबकाई आने लगती है। नगर निगम की टीम से कहा था, पर ध्यान ही नहीं दिया।
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