जयपुर। प्रदेशभर में बाल विवाह पर प्रभावी कार्रवाई के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह दीपक उप्रेती ने सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने 18 अप्रैल को अक्षय तृतीया एवं 29 अप्रैल को पीपल पूर्णिमा पर्व पर संभावित बाल विवाह को रोकने व बाल विवाह करने वालों के विरुद्ध बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अतिरिक्त मुख्य सचिव उप्रेती ने बाल विवाह के प्रभावी रोकथाम के लिए ग्राम एवं तहसील स्तर पर पदस्थापित विभिन्न विभागों के कर्मचारियों, अधिकारियों, वृत्ताधिकारी, थानाधिकारी, पटवारियों, भू-अभिलेख निरीक्षकों, महिला अधिकार अभिकरणों एवं महिला बाल विकास के परियोजना अधिकारियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षा विभाग के अध्यापकों, नगर परिषद एवं नगरपालिका के कर्मचारियों व जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों, सरपंचों तथा वार्ड पंचों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधानों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने एवं आमजन को जानकारी देकर उनमें जागृति लाने और दोनों पर्वों पर बाल विवाह रोके जाने की कार्रवाई में योगदान देने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि इसके लिए समाज की मानसिकता एवं सोच में परिवर्तन लाने के लिए मार्च माह से ही एक कार्ययोजना तैयार कर कार्रवाई अमल में लानी होगी।
उन्होंने बाल विवाह के प्रभावी रोकथाम के लिए जिला ब्लॉक व जिला स्तर पर गठित विभिन्न सहायता समूह, महिला समूह, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, साथिन, सहयोगिनी के कोर ग्रुप को सक्रिय करना, ऎसे व्यक्ति व समुदाय जो विवाह सम्पन्न कराने में सहयोगी हलवाई, बैण्डबाजा, पंडित, बाराती, पाण्डाल व टैंट लगाने वाले, ट्रांसपोर्ट इत्यादि पर बाल विवाह में सहयोग करने का आश्वासन लेना और उन्हें कानून की जानकारी देना, निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के साथ चेतना बैठकों का आयोजन करना, ग्रामसभाओं में सामूहिक रूप से बाल विवाह के दुष्प्रभावों की चर्चा करने व रोकथाम की कार्रवाई करना, किशोरियों, महिला समूहों, स्वयं सहायता समूहों व विभिन्न विभागों के कार्यकर्ताओं में स्वास्थ्य, वन, कृषि, समाज कल्याण, प्राथमिक शिक्षा विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर बैठक करने, विवाह के लिए छपने वाले निमंत्रण पत्र में वर-वधू की जन्म तारीख प्रिंट करने पर जोर देने सहित महत्वपूर्ण बिन्दुओं को कार्ययोजना में शामिल करने के आदेश दिए गए हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने समस्त जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया है कि वे इन दोनों पर्वों पर बाल विवाहों की रोकथाम के संबंध में अपने-अपने क्षेत्र में बाल विवाह रोकने की समुचित कार्रवाई करने तथा सूचना प्राप्त होने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के तहत कानूनी कार्रवाई करने, अक्षय तृतीया से एक माह पूर्व जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं उपखंड कार्यालय में 24 घंटे क्रियाशील कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश दिए हैं।
इसके अलावा उन्होंने बाल विवाहों के आयोजन करने की स्थिति में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 की धारा 6 की धारा 16 के तहत नियुक्त ‘बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों’ (उपखंड मजिस्ट्रेट) की जवाबदेही तय करते हुए जिनके क्षेत्र में बाल विवाह संपन्न होने की स्थिति में उनके विरुद्ध जिला कलेक्टरों व पुलिस अधीक्षकों को अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं।
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