जयपुर। भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य में होने वाले लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों के सर्विस वोटर्स (नियोजित मतदाताओं) के मतदान के लिए इलेक्ट्रोनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट्स (ईटीपीबी) तकनीक की सुविधा दी है। इससे मतदान प्रक्रिया में लगने वाला समय आधा रह जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी (आईटी) एमएम तिवारी ने बताया कि उपचुनावों में कुल 11 हजार 580 सेवा नियोजित मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। इनमें से 11 हजार 437 पुरुष तथा 143 महिला मतदाता हैं। अलवर में 9 हजार 223, अजमेर में 2 हजार 335 और मांडलगढ़ के 22 सर्विस वोटर इन उपचुनावों में मतदान कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि इन मतदाताओं के लिए मतपत्र आयोग की सुरक्षित वेब पोर्टल पर अभ्यर्थियों की सूची तैयार होने के 48 घंटों के बाद यानी 16 जनवरी को संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा सेवा नियोजित मतदाताओं के रिकॉर्ड ऑफिसरों को एक क्लिक पर भेज दिए गए हैं।
तिवारी ने बताया कि सर्विस मतदाता रिकॉर्ड ऑफिस से डाक मतपत्र प्राप्त कर अपना मत रिकॉर्ड कर इसे डाक द्वारा वापस संबंधित रिटर्निंग ऑफिसर को भेजेंगे। इस प्रकार इस बार डाक मतदान की यह यात्रा सिंगल क्लिक पर आधे से भी कम समय में पूरी हो सकेगी। उन्होंने बताया कि ई बैलेट की तकनीकी सुरक्षा के लिए इसमें विशेष क्यूआर कोड मुद्रण की भी विशेष व्यवस्था की गई है। अब से पहले यह व्यवस्था दोनों तरफ डाक द्वारा की जाती थी। उल्लेखनीय है कि देश में पहली बार लोकसभा के अलवर और अजमेर के उपचुनावों में इस तकनीक का पहली बार इस्तेमाल किया जा रहा है।
कौन होते हैं सर्विस वोटर
संघ के सशस्त्र बलों के सदस्य या ऐसे दल का सदस्य, जो सेना अधिनियम, 1950 के उपबंध उपांतरों से लागू कर दिया गया हो या किसी राज्य के सशस्त्र पुलिस बल का ऐसा सदस्य जो उस राज्य के बाहर सेवा कर रहा हो।
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