जयपुर। परिवहन एवं सार्वजनिक निर्माण मंत्री यूनुस खान ने कहा है कि अगर सभी राज्य परिवहन क्षेत्र में क्रियान्वयन योग्य मुद्दों पर ‘कॉमन मिनिमम प्रोग्राम’ के आधार पर आम सहमति से आगे बढ़ें तो देशभर में न सिर्फ आम आदमी को इस क्षेत्र में बड़ी राहत प्रदान की जा सकती है, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं पर भी प्रभावी रोक लगाई जा सकती है। इसी प्रकार का एक प्रयास केन्द्रीय ‘मोटर व्हीकल एक्ट-1988’ में जीओएम की अनुशंसाओं पर आधारित ‘मोटर वाहन विधेयक-2017 (संशोधन)’ के जरिये सुधार लाने से संबंधित है। लोकसभा द्वारा पारित इस विधेयक के राज्यसभा से पारित होने पर यह परिवहन क्षेत्र में प्रभावी सुधारों की दिशा में एक बड़ा कदम होगा जिसका फायदा हर राज्य मिलेगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
खान गुरुवार को असम के गुवाहाटी शहर स्थित होटल रेडिसन ब्लू में मंत्री समूह की छठी बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों में परमिट, लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क, वाहन के करों में अंतर जैसे विभिन्न मुद्दों पर विचार कर निर्णय किया जाना आवश्यक है। विभिन्न राज्यों के मध्य निजी वाहनों में कर में अंतर के कारण वाहन चालकों में कम टेक्स वाले राज्य में वाहन खरीद और पंजीकरण का चलन रहता है। इसलिए करों के अंतर को न्यूनतम किया जाना चाहिए। इसी प्रकार पर्यटक बसों के निर्बाध परिवहन को सुनिश्चित किए जाने के लिए विभिन्न राज्यों में इन वाहनों के लिए समग्र वार्षिक शुल्क की प्रक्रिया को अपनाया जा सकता है जैसा कि नेशनल परमिट ट्रकों के मामले में 2010 से ही किया जा रहा है। साथ ही वाहनों के मामले में ‘एक देश-एक कर’ प्रणाली को अपनाए जाने पर भी विचार किया जा सकता है।
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