एसआरकेपीएस प्रतिनिधि राजन चौधरी ने कार्यशाला में कहा कि राजस्थान में
पीसीपीएनडीटी एक्ट का प्रभावी क्रियान्वयन हुआ है, उसी तर्ज पर एमटीपी एक्ट
पर भी कार्य किया जाएगा, ताकि असुरक्षित गर्भसमापन्न से किसी भी महिला की
मृत्यु नहीं हो। चौधरी ने कहा कि राजस्थान में करीब 2 लाख 25 हजार गर्भवती
महिलाएं प्रतिवर्ष गर्भ समापन्न करवाती हैं, जिसमें से 65 प्रतिशत
असुरक्षित गर्भ समापन्न होता है। असुरक्षित गर्भ समापन्न के कारण राजस्थान
में प्रतिवर्ष एक अनुमान के अनुसार करीब 200 महिलाओं की मौत हो जाती है।
यानी हर दूसरे दिन एक महिला असुरक्षित गर्भ समापन्न के कारण अपना जीवन खो
देती है। ये भी पढ़ें - यहां दीपक की लौ के रूप में आकर स्थापित हुईं मां चामुंडा
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