जयपुर। श्रम मंत्री डॉ. जसवन्त सिंह यादव ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक कल्याण मंडल की ओर से निर्माण श्रमिकों का हिताधिकारी के रूप में ऑनलाइन पंजीयन करने की सतत प्रक्रिया है, जिसके तहत प्रदेश में रोजाना पांच हजार से ज्यादा लोग श्रम कार्ड के लिए आवेदन करते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
श्रम मंत्री डॉ. जसवन्त सिंह ने इस संबंध में लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर हस्तक्षेप करते हुए कहा कि पात्र निर्माण श्रमिकों को मण्डल की ओर से संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जाता है। श्रमिकों के हित के लिए 703 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। उन्होंने ऑनलाइन प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि विभाग ‘पहले आओ-पहले पाओ’ के आधार पर श्रमिकों को लाभान्वित कर रहा है।
मंत्री डॉ. जसवन्त सिंह ने कहा कि बीडीओ पर हमारे विभाग का सीधा नियंत्रण नहीं होने से पेंडेंसी बढ़ गई थी। इसलिए हमने नौ जिलों से विकास अधिकारियों से पंजीयन व आवेदन स्वीकृति के अधिकार प्रत्याहरित कर लिए हैं। उन्होंने कहा कि मजदूरों के हित के लिए पहली बार सवा सौ इंस्पेक्टर लिए गए हैं। अब विभाग में पेंडेंसी नहीं रहेगी। श्रम मंत्री ने कहा कि सीकर जिले से यूसी मंगवाकर जितनी डिमांड होगी, उतनी राशि जारी कर दी जाएगी।
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