जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने आज मुख्यमंत्री से 37वां प्रश्न पूछा है कि संभावित चुनावी हार से विचलित होकर जनहित व कर्मचारी हित से समझौता कर जिस गौरव यात्रा में आप व्यस्त हैं, उसकी वजह से प्रदेश की सम्पूर्ण प्रशासनिक व्यवस्थाएं ठप हो चुकी हैं। रोडवेज की हड़ताल का दुष्प्रभाव यह है कि प्रदेश के 10 लाख नागरिकों को यातायात व्यवस्था के ठप होने से प्रतिदिन खमियाजा भुगतना पड़ रहा है। इसी प्रकार मंत्रालयिक कर्मचारियों के हड़ताल पर होने से प्रशासन का कामकाज बंद पड़ा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि पंचायत राज से जुड़े हजारों कर्मियों ने इस्तीफे सौंप कर सरकारी वादाखिलाफी को उजागर कर दिया है। प्रदेश के सभी संवर्ग के कर्मचारी सरकार द्वारा अपने आपको छला हुआ महसूस कर रहे हैं, वहीं सरकार उनसे संवाद करने के स्थान पर उनकी ना सिर्फ अनदेखी कर रही हैं, वरन उन पर आन्दोलन वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है और शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों पर निर्ममता से लाठियां भांजी गईं, जो भाजपा सरकार की दमनकारी नीति का जीता जागता उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ने भाजपा को शासन की बागडोर व्यवस्थाओं के सुचारू संचालन के लिए सौंपी थी परन्तु दुर्भाग्य है कि मुख्यमंत्री व उनकी सरकार की हठधर्मिता ने प्रदेश की जनता के हितों पर कुठाराघात किया है। पायलट ने पूछा है कि क्या मुख्यमंत्री प्रदेश के कर्मचारियों के आन्दोलनरत होने व सम्पूर्ण प्रशासनिक व्यवस्थाओं के ठप होने पर गौरव महसूस करती हैं?
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