जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से आज 35वां प्रश्न पूछा है कि ‘‘रिसर्जेंट राजस्थान के दौरान किए गए निवेश के दावों का 5 प्रतिशत भी खर्च नहीं होने पर क्या आप गौरव महसूस करती हैं?’’ ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पायलट ने कहा कि तीन वर्ष पूर्व भाजपा सरकार ने सैकड़ों करोड़ रुपए का अपव्यय करके रिसर्जेंट राजस्थान का आयोजन कर प्रदेश की जनता को बड़े-बड़े सपने दिखाए थे और उनके माध्यम से लाखों करोड़ रुपए का निवेश आने और प्रदेश की कायापलट होने का दावा किया था, इसके साथ ही यह भी कहा गया था कि लाखों युवाओं को इससे स्थायी रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि परंतु पिछले तीन सालों की रिजर्सेंट राजस्थान में किए गए एमओयू की रिपोर्ट देखी जाए तो वह घोर निराशाजनक साबित हुई है, जो भाजपा सरकार द्वारा जनता को भ्रमित करने का जीता-जागता उदाहरण है। उन्होंने कहा कि रिसर्जेंट राजस्थान में 3.38 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों के साथ 470 एमओयू किए गए, जिनमें से 200 प्रस्ताव ड्रॉप हो चुके हैं, इसी प्रकार लगभग 51 प्रस्ताव निवेशकों एवं सरकार के मध्य लम्बित हैं और 25 प्रस्ताव कोर्ट केस व अन्य कारणों से लम्बित हैं।
उन्होंने कहा कि तीन सालों में 278 निवेश प्रस्ताव तो इस प्रकार से रद्द ही हो गए हैं, जबकि बचे हुए 192 निवेश प्रस्तावों में तीन साल में मात्र 10,125 करोड़ रुपए का व्यय हुआ है, जो रिसर्जेंट राजस्थान में निवेश राशि के दावों का तीन प्रतिशत है तथा 192 निवेश प्रस्तावों की राशि का मात्र 5 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि देशभर के अन्य राज्यों में भी रिसर्जेंट राजस्थान जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं लेकिन शायद ही इतनी बड़ी विफलता निवेश आमंत्रित करने के लिए किए गए कार्यक्रम में किसी अन्य राज्य को मिली हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश के निवेश में पिछड़ने के पीछे भाजपा सरकार में बढ़ते भ्रष्टाचार व अपराध सबसे प्रमुख कारण हैं, जो निवेश के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करने में सबसे बड़ी बाधा साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के स्तर पर निवेशकों के साथ समन्वय की कमी भी इसका एक प्रमुख कारण है।
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