जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से रविवार को 21वां प्रश्न पूछा है कि पेयजल समस्या से प्रभावित प्रदेश की हजारों करोड़ की योजनाओं के अधूरा रहने के कारण जनता के परेशान होने और कैग द्वारा सरकार की अकर्मण्यता पर सवाल उठाए जाने पर क्या आप गौरव महसूस करती हैं? ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पायलट ने कहा कि प्रदेश में जबसे भाजपा सरकार सत्ता में आई है, तबसे यूपीए सरकार द्वारा संचालित इंदिरा गांधी नहर, चंबल, माही, नर्मदा आदि स्रोतों पर आधारित 22 हजार करोड़ की योजनाओं की गति धीमी हो गई और भ्रष्टाचार पनपने लगा, विभाग के अधिकारी लाखों रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए। उन्होंने कहा कि कैग ने जलदाय विभाग की विशेष ऑडिट रिपोर्ट में सरकार की लापरवाही, बजट की कमी, अंतर्विभागीय समन्वय की कमी और भूमि की व्यवस्था नहीं होने के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
पायलट ने कहा कि भाजपा सरकार जहां एक ओर नदियों को जोड़ने के बड़े-बड़े सपने दिखाती रही, वहीं दूसरी ओर पुरानी प्रगतिरत योजनाओं को ठप कर दिया गया और आज स्थिति यह है कि 14500 गांवों, 7000 से अधिक ढाणियों और 35 शहरों के लिए 28,186 करोड़ की लागत वाली 156 योजनाएं अधूरी पड़ी हैं एवं कैग रिपोर्ट में स्पष्ट हो गया है कि जो व्यय किया गया है, वह सब निरर्थक साबित हुआ है, क्योंकि कोई भी योजना पूरी नहीं हो सकी है। हर साल कलेक्टर कांफ्रेन्स करने और सीएमओ के स्तर पर पूरी दखल होने की खबरों के बावजूद अगर इतनी खराब स्थिति है तो इससे आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पेयजल को लेकर प्रदेश सरकार ने कितनी लापरवाही बरती है, जिसका खमियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
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