जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से शुक्रवार को 15वां प्रश्न पूछा है कि ‘कौशल विकास के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े को केन्द्रीय कौशल विकास सचिव ने सही माना, युवाओं को रोजगार लायक बनाने वाले कौशल विकास कार्यक्रम में हो रहे भ्रष्टाचार पर क्या आप गौरव महसूस करती हैं?’ ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पायलट ने कहा कि राजस्थान में स्किल इंडिया योजना भ्रष्टाचार और विफलता की भेंट चढ़ चुकी है। भाजपा ने अपने घोषणा-पत्र में प्रतिवर्ष 25 लाख कुशल श्रमिक तैयार करने का भरोसा दिलाया था, लेकिन सरकार के अपने आंकड़ों के अनुसार 1 जनवरी 2014 से आज तक कौशल विकास विभाग के माध्यम से केवल 2 लाख 51 हजार लोगों को ट्रेनिंग दी गई है। उन्होंने कहा कि आईटीआई के माध्यम से दी जा रही ट्रेनिंग की स्थिति यह है कि 400 से अधिक आईटीआई में एक साल पहले हुए उस महाघोटाले को दबाया जा रहा है, जिसमें इन संस्थानों के निरीक्षण में स्टाफ और प्रयोगशाला नहीं पाई गई, परंतु ट्रेनिंग के प्रमाणपत्र जारी कर दिए गए। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों के पंजीकरण रद्द करने की सिफारिश कर दी गई थी, लेकिन शासन सचिवालय से हर बार नई कमेटी बनाकर इन संस्थानों पर होने वाली कार्रवाई को टाल दिया।
उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2017 में किए गए सर्वे में स्वतंत्र एजेंसी ने प्रदेश के अनेक स्थानों का मौका मुआयना करने के बाद बताया था कि राजस्थान कौशल विकास एवं आजीविका निगम के आंकड़ों में भारी अंतर है और ट्रेनिंग सेंटर या तो बंद मिले या उनका कोई अस्तित्व नहीं था अथवा शुरू होने के साथ ही बंद हो गए। उन्होंने कहा कि ऐसे सेंटरो से करोड़ों रुपए का भुगतान उठाया गया, परंतु आज तक किसी के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है।
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