जयपुर। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों पर मनरेगा में 4.22 लाख स्वीकृत अधूरे कार्य पूरे नहीं कराने पर नाराजगी जताते हुए निर्देश दिए कि जून 2018 तक सभी कार्यों को पूरा कराया जाए। चाहे इसके लिए विशेष अभियान चलाना पड़े। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राठौड़ गुरुवार को इंदिरा गांधी पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान में समस्त जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से जिलों में संचालित ग्रामीण विकास योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को रोजगार देने के साथ स्थायी निर्माण कार्य हो सकें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मनरेगा में स्वीकृत व्यक्तिगत लाभ के कार्यों की प्रभावी मॉनीटरिंग की जाए तथा यह सुनिशिचत किया जाए कि स्वीकृत कार्य शुरू हुए हैं या नहीं।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव सुदर्शन सेठी ने लम्बित उपयोगिता प्रमाण पत्र शीघ्र भिजवाने, विलम्बित भुगतान की क्षतिपूर्ति राशि के लिए दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों से वसूली करने के भी निर्देश दिए। इस अवसर पर ग्रामीण विकास शासन सचिव रोहित कुमार ने मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांवों में जाकर निर्माण कार्यों का गंभीरता से निरीक्षण करें। बैठक में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, स्वच्छ भारत मिशन, सांसद एवं विधायक कोष सहित संचालित विभिन्न ग्रामीण विकास योजनाओं की समीक्षा की गई।
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