जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने सत्ताधारी पार्टी के विधायकों द्वारा विधानसभा परिसर को लेकर व्यक्त की जा रही आशंकाओं को अंधविश्वास को बढ़ाने वाला बताया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पायलट ने कहा कि प्रगतिशील युग में जनप्रतिनिधियों की ऐसी सोच की अभिव्यक्ति आम जनता में अंधविश्वास को बढ़ाती है। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां अंधविश्वास को समाप्त करने के लिए कई राज्यों में कानून बनाए जा चुके हैं, वहीं दूसरी ओर भूत-प्रेत, तंत्र-मंत्र, टोने-टोटके जैसी बातों को तूल देने का सीधा मतलब यह है कि गत कांग्रेस सरकार द्वारा लाए गए डायन प्रथा समाप्ति के प्रावधान (जिसे वर्तमान समय में लागू किया जा चुका है और आज जिसके कारण राजस्थान आधुनिक सोच वाले राज्यों में स्थान प्राप्त कर चुका है) को पीछे धकेलने जैसा होगा। उन्होंने कहा कि गत चार वर्षों में सरकार की कार्यप्रणाली का परिणाम है कि आज प्रदेश में जनता का मनोबल गिरा हुआ है, इसलिए आवश्यकता है कि सरकार समाज के हर शोषित वर्ग को न्याय दिलाकर उसमें विश्वास को पैदा करे न कि दकियानूसी सोच को बढ़ावा देकर आम जनता के बीच गलत संदेश देने का काम किया जाए। उन्होंने कहा कि विधानसभा परिसर को लेकर आशंकाएं व्यक्त करना पूरी तरह निराधार है। गत दिनों से चल रही इस औचित्यहीन बहस ने समाज को भ्रमित करने वाले लोगों के हौसले बढ़ाए हैं, जो बढ़-चढ़कर तंत्र-मंत्र व जादू-टोने से प्रेरित अंधविश्वास को समाज में स्थापित कर अपने हित साधना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि जनता ने जिस उद्देश्य से जनप्रतिनिधियों का का निर्वाचन किया है, उसके प्रति अपनी जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए काम करना चाहिए, ताकि जनता अपने आपको छला हुआ महसूस न करे।
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