जयपुर। मुख्य सचिव एन.सी. गोयल ने परिपत्र जारी कर योजना प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने बताया कि वर्ष 2018-2019 में वित्तीय एवं भौतिक लक्ष्यों की शत-प्रतिशत उपलब्धियां अर्जित करने के लिए योजनाओं की प्रगति का नियमित एवं प्रभावी पर्यवेक्षण आवश्यक है, जिससे वर्ष के अंतिम त्रैमास में विभागों द्वारा अधिक व्यय करने की प्रवृत्ति को रोका जा सके। मुख्य सचिव ने परिपत्र में कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण एवं मुख्यमंत्री की बजट घोषणाओं का क्रियान्वयन प्रभावी ढंग से व तत्काल प्रभाव से किया जाए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्य सचिव ने योजना प्रावधानों का सुचारू रूप से उपयोग करने एवं उनके लक्ष्य समय पर प्राप्त करने के लिए नवीन योजनाओं एवं मदों की समस्त स्वीकृतियां संबंधित प्रशासनिक विभागों द्वारा अविलंब जारी करने के निर्देश देते हुए कहा कि विभागाध्यक्ष अपने विभाग से संबंधित योजनाओं के वित्तीय एव भौतिक लक्ष्यों के जिलेवार विवरण तैयार कर, उन्हें अपने अधीनस्थ कार्यालयों, संबंधित संभागीय आयुक्त एवं जिला कलेक्टर को शीघ्र भेजें, ताकि जिला स्तर पर इन कार्यक्रमों का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन व पर्यवेक्षण हो सके।
उन्होंने निर्देश दिए कि आय-व्ययक अनुमान वर्ष 2018-19 में राज्य में संचालित योजनाओं के लिए केंद्रीय सहायता के रूप में किए गए 25053.05 करोड़ रुपए के प्रावधानों का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित किए जाने के लिए वांछित प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार के संबंधित मंत्रालय को शीघ्र भिजवाए जाएं तथा भारत सरकार से समय पर राशि रिलीज कराए जाने की उचित व्यवस्था की जाए, जिससे स्वीकृतियां समय पर जारी हो सकें एवं व्यय की गति वर्ष पर्यंत सतत् रहे। साथ ही, पूर्व के वर्षों में भारत सरकार से प्राप्त राशि के उपयोगिता प्रमाण-पत्र शीघ्र भिजवाने के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने अनुसूचित जाति उप योजना, जनजाति उपयोजना के रूप में बजट उप शीर्ष 789 एवं 796 में प्रावधित राशि के विरुद्ध व्यय की सूचना क्रमशः सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग को प्रत्येक माह की 7 तारीख तक आवश्यक रूप से भिजवाना सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने योजनाओं एवं कार्यक्रमों के निर्धारित अवधि में सफल क्रियान्वयन के लिए जिला कलेक्टर एवं संभागीय आयुक्तों को निर्देश दिए कि वे अपने जिलों, संभागों में चल रहे कार्यक्रमों का अपने अधीनस्थ पदस्थापित मुख्य आयोजना अधिकारी, संयुक्त निदेशक, सांख्यिकी की सहायता से प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन एवं परीवीक्षण सुनिश्चित करने के साथ ही विभिन्न विभागों के कार्यों का समय-समय पर भौतिक सत्यापन भी कराया जाना भी सुनिश्चित करें।
मुख्य सचिव ने कार्यक्रमों के वित्तीय एवं भौतिक लक्ष्यों के मासिक विवरण तैयार कर तद्नुरूप अपने स्तर पर नियमित समीक्षा करने के निर्देश देते हुए कहा कि बाह्य सहायता प्राप्त परियोजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावी ढंग से किया जाए, ताकि आवंटित राशि का शत-प्रतिशत उपयोग समय पर हो सके एवं निर्धारित भौतिक लक्ष्य भी उसी के अनुरूप अर्जित किए जा सकें।
उन्होंने कहा कि योजनाओं एवं कार्यक्रमों का सतत् क्रियान्वयन करने के बजाय विभागों द्वारा वर्ष के अंतिम दिनों में आवंटित राशि के डाइवर्जन पी.डी. खाते में हस्तांतरित करने की प्रथा उचित नहीं है। विभागीय पी.डी. खाते में अवशेष धनराशि का शत-प्रतिशत उपयोग करने के लिए कार्य योजना बनाई जाए।
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