जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सचिन पायलट ने कांग्रेस, मीडिया व आमजन द्वारा भाजपा सरकार के काले कानून को पूरी तरह नकारे जाने के बावजूद इसे लागू करने की निरंतर की जा रही कोशिश को मुख्यमंत्री की जिद का परिणाम बताया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पायलट ने कहा कि काले कानून को लेकर पूरे प्रदेश में आक्रोश है और भ्रष्टाचार को संस्थागत करने वाले इस अध्यादेश की अवधि समाप्त हो जाने पर इसे खारिज करने के स्थान पर इसी संदर्भ में लाए गए बिल को प्रवर समिति को विचारार्थ सौंपे जाने का सीधा मतलब है कि सरकार चौतरफा हो रही आलोचना को नजरअंदाज कर इसे लागू करना चाहती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जिस कदर राजनीतिक संरक्षण में भ्रष्टाचार बढ़ा है, उसका परिणाम है कि अपने चेहतों को बचाने के लिए मुख्यमंत्री न्यायपालिका तक के अधिकार क्षेत्र के हनन पर आमदा है।
उन्होंने कहा कि काले कानून को लेकर कांग्रेस ने सरकार का शुरू से विरोध किया है, क्योंकि यह कानून देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है और मीडिया के अधिकारों पर कुठाराघात है। इस कानून को लाने के पीछे का उद्देश्य जनता व सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं के हितों से खिलवाड़ कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को हठधर्मिता छोड़कर काले कानून को निरस्त कर आम जनता की भावना का सम्मान करना चाहिए।
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