जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने रिसर्जेंट राजस्थान कार्यक्रम के भुगतान को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा अधिकारियों पर अनावश्यक दबाव बनाए जाने की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसे भाजपा सरकार की भ्रष्टाचार को संस्थागत करने की नीति से प्रेरित कदम बताया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पायलट ने कहा कि रिसर्जेंट राजस्थान का आयोजन निजी कंपनी द्वारा करवाया गया था और इससे संबंधित समस्त भुगतानों को आरटीपीपी रूल्स को दरकिनार कर किया गया था। उन्होंने कहा कि शेष बचे भुगतान को करवाने के लिए मुख्यमंत्री स्तर पर दबाव बनाया जा रहा है और इसी प्रकार से अन्य सरकारी विभागों से जुड़े मामले जिनमें घोर अनियमितताएं हैं, का भगुतान भी इसी प्रकार करवाना चाहती हैं। इस प्रक्रिया में सहयोग नहीं करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले कर दिए गए हैं और अनियमित भुगतान प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए सरकार ने प्रशासनिक विभाग द्वारा कैबिनेट सब कमेटी गठन के लिए कैबिनेट आज्ञा पारित करवा ली है, जिसे राज्यपाल ने भी अनुमोदित कर दिया है।
उन्होंने कहा कि इस संपूर्ण प्रक्रिया में अनियमित भुगतानों को लेकर कार्रवाई की जानी थी, जिस पर विभाग के अधिकारियों ने आपत्ति दर्ज करवाई है। कैबिनेट सचिवालय का कहना है कि आरटीपीपी रूल वित्त विभाग के अधीन आते हैं, इसलिए सब कमेटी के गठन का प्रशासनिक विभाग भी वित्त विभाग को ही बनाया जाना चाहिए। कैबिनेट सचिवालय का कहना है कि सब कमेटी के मामले में जाने से पहले वित्त विभाग इनका परीक्षण करें और लिखित में कैबिनेट सचिवालय को बताए कि यह छूट देने योग्य है, उसके बाद ही कैबिनेट सचिवालय इन मामलों को सब कमेटी में ले जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक व वित्त विभाग जानते हैं कि यह अनियमित भुगतान से जुड़ा मामला है, इसलिए एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर पल्ला झाड़ रहे हैं।
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