जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने भाजपानीत एनडीए सरकार द्वारा आज प्रस्तुत बजट को निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा कि विकास की बात करने वाली इस सरकार के बजट में न तो कोई विजन है और न ही विकास का कोई रोडमेप बताया गया है। किसानों को लागत से डेढ़ गुणा समर्थन मूल्य देने की घोषणा कोरी कल्पना एवं झूठ का पुलंदा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गहलोत ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि देश के प्रत्येक व्यापारिक एवं औद्योगिक वर्ग के साथ मध्यम वर्ग एवं नौकरीपेशा लोगों को नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद बिगड़ी देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने की जो उम्मीदें थी, वे पूरी तरह नाकारा साबित हुई हैं। वेतनभोगी कर्मचारियों को आयकर स्लैब में कोई राहत नहीं मिलने से निराशा हाथ लगी है। साथ ही, छोटे करदाताओं को कोई राहत नहीं दी गई है, उल्टा सैस की दर 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत कर दी गई।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा धन जुटाने के लिए 24 सार्वजनिक उपक्रमों का विनिवेश प्रस्तावित करना देश की अर्थव्यवस्था के लिए भविष्य में घातक सिद्ध होगा। क्योंकि इनमें सम्मिलित उपक्रम नवरतन श्रेणी के हैं। उन्होंने कहा कि छोटे निवेशक जो अपनी बचत को म्युच्युअल फण्ड एवं शेयर्स में निवेश करते थे, उन पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स लगाने से उनमें निराशा का माहौल बनेगा। गहलोत ने कहा कि बजट में वित मंत्री ने 99 नई स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की है, जो कोरी कल्पना ही लगती है, क्योंकि स्मार्ट सिटी डिजिटल इंडिया और स्टार्ट-अप जैसी पूर्व में शुरू की गईं योजनाएं फ्लॉप हो चुकी हैं। बजट में दीर्घकालीन योजनाओं के लिए कोई प्रावधान नहीं है।
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