जयपुर। होली के अवसर पर गुरुवार को दिनभर भद्रा रहेगी। इसके बाद ही होलिका दहन किया जा सकेगा, क्योंक भद्रा काल के बाद ही होली का दहन करना श्रेष्ठ माना गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मालवीय नगर निवासी ज्योतिषाचार्य पं. विवेक शास्त्री ने बताया कि होली के दिन गुरुवार को सुबह 8:58 बजे से शाम 7:40 बजे तक भद्रा रहेगी। इस कारण शाम 7:41 बजे से 7:58 बजे तक होलिका दहन का श्रेष्ठ मुहूर्त है। शुक्रवार को धुलेंडी मनाई जाएगी।
शास्त्री ने बताया कि होली इस बार संयोगवश पूर्णिमा गुरुवार को है। इस तिथि-वार का संयोग कभी कभार बनता है। ऐसे संयोग के मौके पर होलिका दहन से पूर्व पूजन विधि अनुरूप करने से जातक को विशेष लाभ मिलेगा। होलिका दहन के अगले दिन रंगों का पर्व धुलेंडी धूम-धाम से मनाया जाएगा। इस दिन बच्चे-बूढे़ और जवान सभी एक रंग में रंग जाते हैं। सभी भेदभाव समाप्त हो जाते हैं।
शहर में तैयारियां शुरू
शहर में सुबह से ही लोगों की टोलियां होलिका दहन की तैयारियों में जुट गई हैं। इसके अलावा मंदिरों में फाग गीतों के साथ रंग पर्व मनाया जा रहा है। गली-गली, घर-घर जाकर चंदा लेने वाले सक्रिय हो गए हैं।
गोकाष्ठ से होगा होलिका दहन
राजधानी जयपुर में कई जगह पर्यावरण परक होलिक दहन भी होगा। शहर के मालवीय नगर, टोंक, रोड, राजापार्क, वैशाली नगर, विद्याधर नगर सहित अन्य स्थानों पर गोकाष्ठ से होलिका दहन किया जाएगा।
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