जयपुर/नई दिल्ली। राजस्थान के ख्यातिनाम दस मास्टर कलाकारों की ओर से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के नोएडा सेक्टर-44 में आयोजित कला प्रदर्शनी ‘तब से हजार साल...’ दिल्ली के बाशिंदों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। पिछले एक सप्ताह से चल रही यह प्रदर्शनी 16 अक्टूबर तक चलेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रदर्शनी में राष्ट्रीय अवॉर्ड प्राप्त राजस्थान के मशहूर कलाकारों प्रदीप मुखर्जी, बीएल राजपूत, गोविंद रामदेव, रामू रामदेव, जुगल किशोर चंदेल, कल्याणमल साहू, ओमप्रकाश साहू, राजाराम शर्मा, शम्मी बन्नू और तुलसीदास निम्बार्क आदि द्वारा बनाई गई राजस्थान की मीनिएचर सूक्ष्म चित्रकारी, फड़ चित्रकारी, पिछवाई आदि बेजोड़ कलाकृतियों को मुख्य रूप से दर्शाया गया है।
प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए केंद्रीय संसदीय राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि राजस्थान के कलाकारों की कलम व कूची का जादू सदियों से कद्रदानों को आकर्षित करता आया है। उन्होंने कलाकारों की चित्ताकर्षक पेंटिंग्स को उत्कर्ष श्रेणी का प्रशंसनीय प्रयास बताते हुए कहा कि राजस्थान की कला-संस्कति बहुत समृद्ध और बेजोड़ है। कला की इस कालजयी परम्परा को देश के हर हिस्से में प्रदर्शित किया जाना चाहिए।
इस मौके पर पर सी.बी.डी.टी के पूर्व सदस्य दुर्गेश शंकर ने कलाकारों की हौसला अफजाई करते हुए फड़ और मीनिएचर पेंटिंग्स को सरकार और जनता द्वारा प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत बताई। प्रदर्शनी में कलाकारों ने राजस्थान की पारम्परिक कला, सूक्ष्म आकृतियों, रूपों व रंगों के मिश्रण तथा सुंदर पेंटिंग संयोजन का बखूबी ढंग से प्रदर्शन किया है। साथ ही भगवान कृष्ण, विभिन्न देवी-देवताओं के साथ ही रॉयल राजस्थान की अप्रितम झांकी का चित्रों के माध्यम से बखूबी प्रदर्शन किया जा रहा है।
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