जयपुर। कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने गुरुवार को यहां दुर्गापुरा स्थित इंटरनेशनल हॉर्टिकल्चर इन्नोवेशन एंड ट्रेनिंग सेंटर (आईएचआईटीसी) का निरीक्षण किया। उन्होंन चेरीटोमेटो, रंगीन शिमला मिर्च, डचरोज, कारनेसन, लिलियम, जरबेरा, स्क्वेश, जुकीनी, खीरा-ककड़ी की फसलों के निरीक्षण के दौरान खुशी जताने के साथ आगामी समय में कृषकों को उपयोगी नवाचार पर और अधिक ध्यान देने के निर्देश दिए। सैनी ने फूलों की खेती को बढ़ावा देने व अलंकृत बागवानी विकास के लिए नई तरह की फसलों व नई पौध किस्मों के संकलन कर इनके प्रसारण व गुणन करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने संरक्षित इकाइयों के ग्रीष्मकाल में प्रबंधन का उचित प्रोटोकाल विकसित करने पर जोर दिया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
संस्थान के विभिन्न फल-वृक्षों वाले बगीचों के संबंध में चर्चा करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि योजनाबद्ध तरीके से विभिन्न प्रकार की बागवानी फसलों की खेती में कम लागत से अधिक उत्पादन लेने के लिए नए प्रयोग कर ऐसी तकनीक को किसान के खेतों तक पहुंचाया जाए।
राजस्थान कुषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों से कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कहा कि वे कम ग्लूटन वाली गेहूं की किस्मों का विकास करें, ताकि ग्लूटन से होने वाली सीलियक बीमारी से ग्रसित लोगों को फायदा मिल सके। उन्होंने वैज्ञानिकों से खेती में लागत कम करने, उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाने पर काम करने को कहा, ताकि किसानों की आय बढ़ सके।
भ्रमण के दौरान मालपुरा विधायक कन्हैया लाल चौधरी, गंगापुरसिटी विधायक मानसिंह गुर्जर, निदेशक उद्यानिकी एवं निदेशक आई.एच.आई.टी.सी. विजयपाल सिंह सहित कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक उपस्थित थे। आई.एच.आई.टी.सी. के बोर्ड रूम में संस्थान के निदेशक विजय पाल सिंह एवं संस्थान के कोषाध्यक्ष अनुराग भटनागर ने संस्थान की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी।
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