जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) वीनू गुप्ता ने बुधवार को स्वास्थ्य भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में प्रदेश के मेडिकल कालेजों एवं सम्बद्ध चिकित्सालयों में भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना, मेडिकल कॉलेजों से हाल ही सम्बद्ध चिकित्सालयों से संबंधित मुद्दों, ट्रोमा सेंटर, डायलिसिस, एसएनसीयू सहित विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्य, संबद्ध चिकित्सालयों के अधीक्षक, टीबी, स्त्रीरोग एवं शिशु रोग विभागों के अध्यक्ष आदि अधिकारी मौजूद थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत अब तक 1500 करोड़ से अधिक की राशि के क्लेम सबमिट कर 23 लाख से अधिक लोगों को कैशलेस इनडोर उपचार सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने सभी मेडिकल कॉलेजों एवं उनसे सम्बद्ध चिकित्सालयों में बीएसबीवाई के तहत क्लेम स्टेटस की जानकारी ली एवं क्लेम रिजेक्शन, क्वेरीज की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा आनंद कुमार ने बताया कि डूंगरपुर एवं भीलवाड़ा के जिला चिकित्सालय नवसृजित मेडिकल कॉलेजों के अधीन किए जा चुके हैं एवं उनके ट्रोमा सेंटरों के संचालन के लिए स्थानीय स्वास्थ्य प्रशासन को सभी आवश्यक सुविधाएं व सहयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि पीपीपी मोड के तहत सैटेलाइट चिकित्सालय अजमेर, जिला चिकित्सालय बीकानेर, रामपुरा कोटा, पावटा जोधपुर एवं सैटेलाइट चिकित्सालय उदयपुर में मरीजों को डायलिसिस की सुविधाएं उपलब्ध करवा दी गई हैं। पाली जिला चिकित्सालय में डायलिसिस सुविधा के लिए सेवा प्रदाता संस्थानों से विचार-विमर्श किया जा रहा है।
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