जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने हाड़ौती सम्भाग के किसानों के साथ प्रधानमंत्री द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद स्थापित करने को चुनावी वर्ष की भ्रमित करने वाली कवायद बताया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पायलट ने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद फसल का लागत मूल्य नहीं मिलने व कर्जे में डूबे होने के कारण सैकड़ों किसानों ने आत्महत्या कर ली है, परंतु चार वर्षों तक किसानों की पीड़ा की कोई सुनवाई नहीं की गई और अब चुनावी वर्ष होने के कारण प्रधानमंत्री हाड़ौती सम्भाग के किसानों से वार्ता कर रहे हैं, जिससे साफ पता चलता है कि चुनावी सियासत के तहत किसानों की सुध लेने का दिखावा किया जा रहा है और सिर्फ सरकारी योजना के लाभार्थी गिने-चुने कृषकों से संवाद स्थापित किया गया है, जबकि कर्जे में डूबे सबसे बड़े प्रभावित किसान वर्ग को इस संवाद कार्यक्रम से दूर रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष हाड़ौती सम्भाग में लहसुन की बम्पर पैदावार हुई है, परन्तु सरकार के स्तर पर खरीद की कोई सुचारू व्यवस्था नहीं की गई, जिसके कारण किसानों को निराशा हाथ लगी है और पूरी तरह से टूट चुके 7 किसानों ने गत एक माह में मौत को गले लगा लिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का सिर्फ लाभार्थी कृषकों के साथ दिखावे का संवाद कार्यक्रम मृतक किसानों के परिजनों के जले पर नमक छिड़कने जैसा है।
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