जयपुर। जयपुर में रविवार को सुबह से शुरू हुआ बारिश का दौर शाम तक जारी रहा। कभी मूसलाधार तो कभी मध्यम और हल्की बारिश होती रही। लागातार हो रही बारिश ने शहर के हालात बिगाड़ दिए। सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक 2.5 इंच बारिश दर्ज की गई, जिससे शहर के कई हिस्सों में सीवरेज का पानी घरों और अस्पतालों में घुस गया। सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए और कई जगह सड़कें धंस गईं, जिससे यातायात पूरी तरह से ठप हो गया। बारिश के अलर्ट के मद्देजनजर जयपुर, दौसा में स्कलों में 12 अगस्त को छुट्टी की घोषणा कर दी गई। मुख्यमंत्री भजनलाल ने भी आपदा प्रबंधन को लेकर बैठक ली।
घरों में घुसा सीवरेज का पानी, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
परकोटा क्षेत्र में सीवरेज का पानी घरों में घुस गया, जिससे लोग बुरी तरह से प्रभावित हुए। कुछ लोगों को अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों के घरों में शरण लेनी पड़ी। सुभाष चौक इलाके में सड़कों पर इतना पानी भर गया कि वह नदी जैसा बहने लगा। यहां के घरों में भी 1 से 2 फीट पानी घुस गया, जिससे घरेलू सामान खराब हो गया।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि उनके घर की ऊंचाई सड़क से तीन फीट अधिक होने के बावजूद पानी घर में घुस गया। वहीं, राकेश मेहरा ने कहा कि सड़क की ऊंचाई लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे हर बारिश में घरों में पानी घुसने की समस्या आम हो गई है।
अस्पताल में भरा सीवरेज का पानी, मरीज परेशान
जेएलएन मार्ग पर स्थित जेकेलोन अस्पताल में भी स्थिति गंभीर हो गई, जहां सीवरेज का पानी अस्पताल के परिसर में घुस गया। इमरजेंसी वार्ड, आईसीयू और ग्राउंड फ्लोर पर पानी भरने से मरीजों और उनके परिजनों को काफी परेशानी हुई। पानी की वजह से आईसीयू, सोनोग्राफी वार्ड और एक्स-रे रूम में संक्रमण का खतरा बढ़ गया। हालांकि, कुछ समय बाद अस्पताल के अंदर भरे पानी को साफ करवा दिया गया और सुरक्षा के लिहाज से मिट्टी के कट्टे रखवाए गए।
जलमहल का पानी सड़क तक पहुंचा, पर्यटन प्रभावित
जलमहल का पानी पाल को पार कर सड़क तक आ गया, जिससे सड़क पर लगभग 2 फीट पानी भर गया। इस वजह से जलमहल के पास लगने वाले ठेले पानी में डूब गए और पुलिस ने बड़ी चौपड़ से जलमहल जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया। बारिश के कारण यहां घूमने आए पर्यटक भी फंस गए और ठेले वालों का काम पूरी तरह से ठप हो गया।
जयपुर घूमने आए पर्यटकों ने बताया कि उन्होंने जलमहल से अपनी यात्रा की शुरुआत की थी, लेकिन भारी बारिश के कारण वे वहीं फंस गए। ठेले वालों को चिंता थी कि कहीं उनका ठेला पानी में बह न जाए, और वे भी पानी भरने के कारण अपना सामान हटा नहीं सके।
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