जयपुर। झालावाड़ में पूर्व मुख्यमंत्री ने वसुंधरा राजे ने खुद के रिटायरमेंट होने का बयान देकर कोई सियासी दांव खेला है। हालांकि उन्होंने यह बयान बहुत ही मजाकिया अंदाज में दिया है। साथ ही उन्होंनें अपने बेटे को सियासत में परिपक्व होने पर तारीफ की। इसका श्रेय उन्होंने झालावाड़ की जनता को दिया है।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वसुंधरा राजे के इस बयाने के लोग अलग-अलग मायने निकाल रहे हैं। हालांकि उन्होंने कहा-मुझे लग रहा है अब मैं रिटायर हो सकती हूं। आगे कहा-मेरे पुत्र सांसद साहब को सुनकर मुझे लगा कि जनता ने उन्हें अच्छी तरह से सिखा दिया है। कुछ प्यार से और कुछ आंख दिखाकर, आपने उसे ऐसा बना दिया है कि अब मुझे उसके पीछे पड़ने की जरूरत ही नहीं है, वो आप लोगों ने ही कर दिया है।
राजे ने कहा मुझे विश्वास है कि मुझे उन पर निगाह रखने की कोई जरूरत नहीं है। वो सब ऐसे लोग हैं,चाहे जिलाध्यक्ष हों, चाहें दूसरे कार्यकर्ता। ये सब ऐसी पॉजिशन में आ गए हैं कि पीछे पड़ने की जरूरत नहीं है, वे आप लोगों के काम वैसे ही करेंगे।
वसुंधरा राजे के इस बयान के मायने क्या हैं? इस सवाल के जवाब में लोगों का मानना है कि बीजेपी के आलाकमान ने वसुंधरा राजे को ऐसा बोलने के लिए मजबूर कर दिया है। वहीं वसुंधरा राजे को पार्टी स्तर पर किनारे लगाए जाने का आभास पहले से हो रहा है। वहीं कुछ लोग वसुंधरा राजे के इस बयान को उनका सियासी दांव मान रहे हैं। इससे जनता में एक मैसेज जाएगा।
हालांकि वसुंधरा राजे ने बाद में एक टीवी चैनल को बताया कि अगर मुझे संन्यास लेना होता तो मैं नामांकन ही क्यों भरती? इससे बीजेपी प्रत्याशियों को नुकसान हो सकता है। दूसरी ओर मध्यप्रदेश में भी वसुंधरा राजे की बहन यशोधरा राजे ने भी इस बार चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। आलाकमान ने उन्हें अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था। अब आगे देखना होगा कि बीजेपी में सियासी समीकरण कैसे बिगड़ते और बनते हैं।
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड : पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, मांगी 14 दिनों की रिमांड
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में पुलिस को बड़ी सफलता मिली, चौथे आरोपी की हुई पहचान
हर चुनाव में ईवीएम का दुरुपयोग होता रहा है : कपिल सिब्बल
Daily Horoscope