जयपुर । पूर्व केंद्रीय मंत्री और नाथद्वारा से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ सीपी जोशी का क्या राजस्थान में कांग्रेस की राजनीति में कद छोटा हो गया है। क्या डॉ. सीपी जोशी का कद पीसीसी चीफ सचिन पायलट और नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी से भी छोटा हो गया है। कुछ ऐसे ही सवाल जयपुर में लगे कांग्रेस के चुनाव प्रचार के होर्डिंग्स खड़े कर रहे है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
डॉ. सीपी जोशी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी रहे चुके है, और एक वोट से हराने के कारण मुख्यमंत्री नहीं बन सके थे। लेकिन इसके बाद 2009 में डॉ. सीपी जोशी ने भीलवाड़ा से लोकसभा चुनाव लड़ा और एक लाख से अधिक वोटों से चुनाव जीता। इसके बाद डॉ.जोशी केंद्रीय मंत्री बने। वहीं वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद उन्हें संगठन की जिम्मेदारी दी गई। बिहार समेत अन्य राज्यों का प्रभारी बनाया गया। लेकिन एक-एक करके राज्यों के प्रभार डॉ. सीपी जोशी से जाते रहे। लेकिन इस दौरान डॉ. सीपी जोशी ने राजस्थान क्रिकेट एसोसएशन का चुनाव जीतकर फिर से राजस्थान की राजनीति में सक्रिय भागादारी दिखाने का प्रयास किया। लेकिन ललित मोदी का गुट डॉ. जोशी पर भारी पड़ा और आरसीए भंग हो गई।
वहीं अब डॉ. सीपी जोशी को कांग्रेस की प्रचार-प्रसार समिति के अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, लेकिन खुद प्रचार प्रसार समिति के अध्यक्ष की तस्वीर होर्डिंग्स और बैनरों में नहीं है। साथ ही बीते दिनों पीेएम मोदी और केंद्रीय मंत्री उमा भारती की जाति पूछने के सवाल पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने फटकार भी लगाई दी। हालांकि बाद में डॉ. सीपी जोशी ने खेद जता दिया था।
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