जयपुर। शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश में प्री-प्राईमरी के अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुदृढ़ करेगी। उन्हाेंने कहा कि प्रदेश के 38 हजार इंटीग्रेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों में विशेष सुविधाओं के तहत कमरे तैयार करने के साथ ही वहां बच्चों के लिये वॉल पेंटिग लगायी जाएगी। यहां पर लगाए जाने वाले सम्बलन और मार्गदर्शक शिक्षकों (मेंटर टीचर) को इंटीग्रेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों के प्रभावी संचालन के लिए विशेष रूपा से प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
डोटासरा ने शुक्रवार को शिक्षा संकुल में विभाग की विशेष समीक्षा बैठक के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी मॉडल स्कूलाें में प्री-प्राईमरी स्वीकृत हो गयी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अब इन्हें सशक्त किए जाने के लिए प्रभावी प्रयास होने चाहिए। उन्होंने शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्रो को उत्कृष्ट केन्द्राें के रूप में विकसित करने के भी अधिकारियों को निर्देश दिए।
शिक्षा राज्य मंत्री ने ज्ञान संकल्प पोर्टल के अंतर्गत शिक्षा में अधिकाधिक सहयोग देने के लिए लोगों को सतत प्रेरित किए जाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विद्यादान कोश और ज्ञान संकल्प पोर्टल में 15.32 करोड़ की राशि अब तक प्राप्त हुई है। इस राशि का समुचित सदुपयोग शैक्षिक विकास में होना चाहिए। उन्होंने भामाशाहों को विद्यालय गोद देने के साथ ही उसके सतत विकास के लिए प्रेरित करने की योजना पर भी कार्य करने के निर्देश दिए।
बैठक में डोटासरा ने ‘खेले इंडिया, खिले इंडिया’ के तहत विद्यालयों में खेल गतिविधियों का इस तरह से क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए कि जिससे राजस्थान के विद्यालयों के बच्चे राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिस्पद्र्धाओं में भाग लेकर प्रदेश का नाम रोशन कर सके। उन्होंने जिन योजनाओं की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गयी है, उनके समयबद्ध प्रभावी क्रियान्वयन करने और इसकी नियमित मोनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए।
डोटासरा ने बताया कि प्रदेश के ऎसे 24 हजार विद्यालय जहां के कक्षों में कबाड़ भरा है, उनके निस्तारण की भी वित्त विभाग से स्वीकृति मिल गयी है। जल्द ही अब इन कक्षों के कबाड़ निस्तारण की कार्यवाही कर विद्यार्थियों के लिए इन्हें उपयोग में लिया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को बैठक में प्रदेश के विद्यालयों की बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयों में बिजली की समस्या है, वहां के लिए सौर ऊर्जा से विद्युत की योजना पर भी कार्य किया जाए। विद्यालयों में खेल के मैदान, खेल गतिविधियॉ के लिए पर्याप्त बजट समय पर दिया जाए। उन्होंने स्मार्ट क्लासेज, युथ क्लबों की स्थापना, विद्यालयों मे आधारभुत सुविधाओं के विकास के लिए प्रभावी प्रयास किए जाने के भी अधिकारियों को निर्देश दिए।
शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में शिक्षा में नवाचार अपनाते हुए राजस्थान को देश का अग्रणी शिक्षा राज्य बनाना चाहती है। इसके लिए अधिकारी संकल्पबद्ध होकर कार्य करे। बैठक में प्रमुख शासन सचिव आर. वेंकटेश्वरन, समग्र शिक्षा अभियान के आयुक्त प्रदीप कुमार बोरड़, राज्य परियोजना निदेशक एन.के. गुप्ता, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा ओ.पी.कसेरा, निदेशक माध्यमिक शिक्षा नथमल डिडेल सहित बड़ी संख्या में शिक्षा अधिकारियों ने भाग लिया।
शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने शुक्रवार को शिक्षा संकुल में ‘पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारियों के लिए नेतृत्व क्षमता पर ऑनलाईन पाठ्यक्रम’ के वेब लिंक का लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारियों के लिए ऑनलाईन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम होने से अब उन्हें विभिन्न स्तरों पर जिलों में आकर पृथक से परामर्श लेने के लिए समय व्यय नहीं करना पड़ेगा। पाठ्यक्रम के अंतर्गत 9 इकाईयां हैं। इनमें पीईईओ द्वारा सामान्य तौर पर अपेक्षित जानकारियों का समावेश किया गया है। उन्होंने अधिकारियों को इस ऑनलाईन पाठ्यक्रम को शाला दर्पण पोर्टल पर त्वरित अपलोड करने के निर्देश भी दिए। पाठ्यक्रम यूनिसेफ की सहायता से समग्र शिक्षा अभियान द्वारा तैयार किया गया है।
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