जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने प्रदेश में मलेरिया, डेंगू एवं चिकनगुनिया सहित मौसमी बीमारियों की रोकथाम, नियंत्रण एवं उपचार के प्रति विशेष सतर्कता बरतने के साथ ही अधिक प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त टीम लगाकर सर्वे के साथ एन्टीलार्वा गतिविधियां बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सराफ ने पीने के पानी के टांकों में टेमीफोस डलवाने सहित पानी संग्रहित स्थलों पर एन्टीलार्वा, एम.एल.ओ. डलवाने इत्यादि गतिविधियां यथावत जारी रखने के निर्देश दिये है। उन्होंने चिकित्सालयों में आने वाले व्यक्तियों की संबंधित त्वरित जांच एवं उपचार सेवाएं उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये हैं। उन्होंने आमजन से बुखार आने पर अविलंब नजदीकी चिकित्सा केन्द्र में जांच एवं उपचार लेने की अपील की है।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रतिदिन मौसमी बीमारियों की माॅनीटरिंग राज्य स्तर से की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष जनवरी माह से अब तक सर्वे के दौरान रक्त पट्टिकाऐं 70 हजार 213 बनाई गई एवं 35 हजार 832 गड़डों में एमएलओ एवं 2 हजार 468 स्थानों पर गम्बुशिया मछली डाली गयी। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र पाली, सिरोही, जालोर, बाड़मेर में एन्टीलार्वा गतिविधियां सुचारू रूप से चालू हैं।
निदेशक जनस्वास्थ्य डाॅ. वी.के.माथुर ने बताया कि मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया के बचाव के लिए मच्छर प्रजनन संभावित परिंडों को प्रत्येक दिन खाली करने, कूलर, फ्रीज के पीछे की ट्रे, गमले, फूलदान इत्यादि की साफ-सफाई रखनी चाहिए। उन्होंने घरों-कार्यालयों की छत पर रखे टूटे-फूटे सामान, कबाड़-टायर इत्यादि में भी पानी इकट्ठा नहीं होने देने, पानी की टंकी एवं अन्य बर्तनों को ढंक कर रखने इत्यादि की सावधानियां बरतें। उन्होंने बताया कि मौसमी बीमारियों से नियंत्रण के साथ ही समस्त राजकीय चिकित्सालयों में निशुल्क जांच एवं उपचार की विशेष व्यवस्थाएं की गयी हैं।
स्वाईन फ्लू नियंत्रण व उपचार व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी अतिरिक्त निदेषक ग्रामीण स्वास्थ्य डाॅ. आदित्य आत्रेय ने बताया कि स्वाइन फ्लू नियंत्रण व उपचार व्यवस्थाओं की निदेशालय स्तर पर दैनिक माॅनिटरिंग की जा रही है।
उन्होंने बताया कि स्वाईन फ्लू की निगरानी एवं पाॅजिटिव पाये जाने पर उपचार सहित तत्काल आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए राज्य नियंत्रण कक्ष सहित सभी जिलों में स्वाईन फ्लू नियंत्रण कक्ष कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि टोल फ्री 104 से स्वाइन फ्लू के लक्षण, जांच एवं उपचार के विषय मंे आवश्यक जानकारी ली जा सकती हैं एवं आवश्यक सूचनाएं दी जा सकती हैं। उन्होंने प्रदेशवासियों से स्वाईन फ्लू जैसे लक्षण प्रतीत होने पर बिना घबराये तत्काल निकटवर्ती चिकित्सा केन्द्र पर जाकर जांच करवाने का आग्रह किया गया है।
डाॅ. आत्रेय ने बताया कि सभी 6 राजकीय मेडिकल काॅलेज, जयपुर, अजमेर, बीकानेर, कोटा, उदयपुर, जोधपुर एवं डीएमआरसी जोधपुर सहित 7 राजकीय संस्थाओं में निःशुल्क जांच की जा रही है। राजकीय चिकित्सक के परामर्श पर निःशुल्क एवं स्वंय द्वारा जांच कराने पर 500 रूपये की राशि से यह सुविधा उपलब्ध है। स्वाईन फ्लू रोग के उपचार के लिए टेमीफ्लू दवा सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों में निःषुल्क उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त निजी चिकित्सा संस्थानों को उनकी मांग के अनुरूप यह दवा उपलब्ध करायी जा रही है। सभी जिलों में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर रेपिड रेस्पोन्स टीम कार्यरत है।
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