जयपुर । पीएम किसान सम्मान निधि को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और अन्य भाजपा नेता गहलोत सरकार पर यह आरोप जड़ चुके है कि जानबूझकर पात्र किसानों का डाटा अपलोड नहीं किया गया। लेकिन हकीकत इसके उलट है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पीएम किसान सम्मान निधि को लेकर केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा था कि राजस्थान के 50 लाख किसानों को इससे फायदा होने वाला था और पहली किस्त जा सकती थी। लेकिन राज्य सरकार ने सिर्फ 1 लाख किसानों का डाटा ही अपलोड किया।
लेकिन केंद्र सरकार के कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग की तरफ से आचार संहिता लगने के बाद 12 मार्च को देश के सभी मुख्य सचिवों को, प्रमुख सचिवों और नोडल अधिकारियों को पीएम किसान योजना को लेकर नए दिशा-निर्देश दिए गए है।
इन नए दिशा निर्देशों के तहत पीएम किसान योजना की दूसरी और तीसरी किस्त के लिए पात्र किसानों का आधार लिंक जरूरी बताया गया है। लेकिन साथ ही 11 मार्च को एक संशोधन करके यह भी बता दिया है कि दूसरी किस्त जारी करने लिए आधार लिंक में शिथिलता दी जा सकती है। वहीं 12 मार्च को जारी पत्र में यह भी बताया गया है कि पीएम किसान योजना में पहली किस्त के दौरान आधार कार्ड का सत्यापन सही नहीं होने से 40 से 50 फीसदी पात्र किसानों के नाम मैच नहीं हो सके।
पत्र के मुताबिक बिहार, कर्नाटक, और आंध्रप्रदेश ने आधार सत्यापन के बाद डाटा केंद्र सरकार को पहुंचाया है। वहीं राजस्थान सरकार पहले से ही ऋण माफी योजना के तहत आधार लिंक सत्यापन से ही किसानों का ऋण माफ करने में जुटी है, लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से सही वक्त पर दिशा-निर्देश नहीं मिलने से पीएम किसान योजना को लेकर राजस्थान फिसड्डी रहा। लेकिन इस दौरान भाजपा को राजनीति करने और आरोप लगाने का मौका जरूर मिल गया।
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