• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 1

श्री कृष्ण बलराम गौ सेवा ट्रस्ट की पहल : हिंगोनिया गौशाला में बन रहे हैं गाय के गोबर से 3 लाख दीपक

Initiative of Shri Krishna Balram Gau Seva Trust: 3 lakh lamps are being made from cow dung in Hingonia Gaushala - Jaipur News in Hindi

जयपुर। श्रीकृष्ण बलराम गौ सेवा ट्रस्ट की ओर से इस बार की दीपावली को इको फ्रेंडली एवं और भी खास बनाने पर फोकस किया जा रहा है। गौ माता की सेवा के लिए मशहूर हिंगोनिया गौशाला की गायों के गोबर से तीन लाख दीपक बनाने का काम जोरों पर है। राज्य के अनेक स्थानों से गाय के गोबर से बने दीपकों की मांग आने से श्रीकृष्ण बलराम गौ सेवा प्रबंधन का उत्साह दो गुना हो गया है। गाय के गोबर से बने दीपक से प्रदूषण रहित दीपावली मनाने का क्रेज़ बढ़ता जा रहा है। कार्यक्रम समन्वयक रघुपति दास ने बताया कि श्रीकृष्ण बलराम गौ सेवा ट्रस्ट भारतीय संस्कृति, धर्म और मूल्यों को बढ़ावा देकर संस्कारवान शिक्षा, जीवन पद्धति अपनाने पर जोर दे रहा है। इसी क्रम में पावन दीपावली पर्व को प्रदूषण रहित जगमग दीपावली बनाने पर फोकस किया जा रहा है। इससे दीपावली का आनंद दोगुना हो जाएगा। दीपावली पर्व को खास बनाने के लिए हिंगोनिया गौ पुनर्वास केंद्र की गायों के गोबर से पवित्र और प्रदूषण रहित दीपक बनाए जा रहे हैं।
श्रील प्रभुपाद ने भी बताया था गौ सेवा का महत्वः
उन्होंने बताया कि भक्ति वेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद ने पवित्र पुस्तक श्रीमद् भगवद गीता यथा रूप, अन्य धार्मिक पुस्तकों में और समय-समय पर दिए गए अपने लेक्चरों में गौ माता और गौ सेवा का महत्व बताया गया है। अनेक शास्त्रों एवं पुराणों में गाय को पवित्र माता का दर्जा दिया गया है। गाय को श्रीकृष्ण की लीलाओं में विशेष स्थान प्राप्त है। इसलिए गाय के गोबर से बने इको फ्रेंडली एवं प्रदूषण रहित दीपावली मनाने पर हम फोकस कर रहे है।
जानिए, कैसे बनते हैं इको फ्रेंडली दीपकः
दीपक बनाने के लिए पहले गाय के सूखे गोबर को इकट्ठा किया जाता है। उसके बाद करीब एक किलो गोबर में 15 ग्राम मैदा, लकड़ी चूर्ण और 15 ग्राम ग़म ग्वार मिलाया जाता है इसके बाद हाथ से उसको गूंथा जाता है। इसके बाद गाय के गोबर को हाइड्रोलिक प्रणाली द्वारा संचालित मशीन से दीपक का खूबसूरत आकार दिया जाता है। एक मिनट में लगभग ग्यारह दीये तैयार हो जाते हैं। इसे दो दिनों तक धूप में सुखाया जाता है। ख़ास बात ये है कि उपयोग के बाद इन दीपक के अवशेष को खाद के रूप में उपयोग में लिया जा सकता है।
गोवंश को बचान है, खाद्य पदार्थों से पॉलिथिन का हटाना हैः
इस बार दीपावली पर्व पर हिंगोनिया को पुनर्वास केंद्र की तरफ से इन इको फ्रेंडली दीपकों का निर्माण किया जा रहा है। इन दीपकों का वितरण एक संदेश के साथ किया जाएगा, जिसमें गोवंश की सुरक्षा के लिए जनता से आह्वान किया जाएगा। यदि गोवंश को बचाना है, तो खाद्य पदार्थ से पॉलिथीन को हटाना है। साथ ही पर्यावरण की सुरक्षा के लिए इन दीपकों का उपयोग होने के बाद इन्हें पेड़ पौधों की खाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है। जिससे पेड़ पौधों का संवर्धन हो सके।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

यह भी पढ़े

Web Title-Initiative of Shri Krishna Balram Gau Seva Trust: 3 lakh lamps are being made from cow dung in Hingonia Gaushala
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: jaipur, shri krishna balram gau seva trust, diwali, eco-friendly, lamps, cow dung, hingonia gaushala, mother cow, pollution-free diwali, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, jaipur news, jaipur news in hindi, real time jaipur city news, real time news, jaipur news khas khabar, jaipur news in hindi
Khaskhabar Rajasthan Facebook Page:
स्थानीय ख़बरें

राजस्थान से

प्रमुख खबरे

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

Copyright © 2024 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved