जयपुर। उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि चौमूं के ग्राम जैतपुरा में औद्योगिक इकाईयां रीको को आवंटित हुई थी तथा रीको को ही इसका कब्जा दिया हुआ था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मीणा प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होेंने बताया कि यह भूमि जयपुर विकास प्राधिकरण के नाम थी, बाद में जब यह प्रकरण रीको के संज्ञान में आया तो रीको द्वारा अतिरिक्त कलक्टर के नाम यह प्रकरण दर्ज हुआ। अब हाल ही में न्यायालय द्वारा निर्णय आया है जिस पर शीघ्र कार्रवाई करके इस भूमि को रीको के नाम करने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उस औद्योगिक क्षेत्र में जो स्कूल, कॉलेज, पुलिस चौकी अथवा मंदिर बने हुए है, उन्हें हटाया जाना संभव नहीं है। विभाग द्वारा अन्य अतिक्रमण के प्रकरणों में जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
इससे पहले मीणा ने प्रश्न काल में विधायक रामलाल शर्मा के मूल प्रश्न का जवाब देते हुए बताया कि ग्राम जैतपुरा तहसील चौमूं में रीको द्वारा औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया गया है। कुल 191 औद्योगिक भूखण्ड नियोजित कर आवंटित किये जा चुके हैं जिन पर 156 औद्योगिक इकाईयां उत्पादनरत है। उन्होंने इसकी प्रति सदन के पटल पर रखी।
मीणा ने बताया कि राजस्थान सरकार के आदेश 22 फरवरी 1983 द्वारा ग्राम जैतपुरा तहसील-चौमूं में कुल 197 बीघा 18 बिस्वा राजकीय भूमि का आवंटन औद्योगिक प्रयोजनार्थ रीको को किया गया था। तत्पश्चात राज्य सरकार द्वारा आवंटन पत्र में संशोधन कर उक्त रकबे को 180 बीघा 18 बिस्वा (45.75 है।)
उन्होंने बताया कि उक्त आवंटित भूमि में से निगम द्वारा 43.04 हैक्टेयर भूमि पर 15 फरवरी 1983 को औद्योगिक क्षेत्र का मानचित्र अनुमोदित किया गया। उन्होंने बताया कि निगम को आवंटित भूमि का राजस्व-रिकोर्ड में इन्द्राज जयपुर विकास प्राधिकरण के पक्ष में किया हुआ है जिसके शुद्धिकरण करने के लिए न्यायालय अतिरिक्त कलक्टर-तृतीय के यहां दावा संख्या 45/2014 द्वारा प्रार्थना-पत्र दायर किया हुआ था जिस पर 30 दिसंबर 2019 को न्यायालय अतिरिक्त कलक्टर-तृतीय द्वारा निगम के पक्ष में निर्णय दिया गया है। राजस्व-रिकार्ड में उक्त निर्णय अनुसार निगम को आवंटित भूमि का नामान्तरण रीको के पक्ष में खुलवाने की कार्यवाही की जा रही है।
उद्योग मंत्री ने बताया कि भूखण्ड संख्या जी-91 जो रीको द्वारा 1950 वर्गमीटर भूमि राजकीय प्राथमिक विद्यालय को आवंटित है, के पीछे औद्योगिक क्षेत्र जैतपुरा के अनुमोदित नक्शे में दर्शायी गई निगम की अनियोजित भूमि पर दुकानों के रूप में अतिक्रमण है जिसको हटाने के लिए संबंधित व्यक्ति को नोटिस जारी किया गया जिसके प्रत्युत्तर में संबंधित व्यक्ति द्वारा जमाबन्दी व नक्शा ट्रेस की प्रमाणित प्रति संलग्न करते हुए यह अवगत कराया गया है कि निमित दुकानें निगम को आवंटित भूमि पर नहीं है तदानुसार प्रकरण निस्तारण करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
मीणा ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग से पूर्व दिशा में निगम को खसरा नम्बर 848 एवं 849/1 की कुल भूमि 123 बीघा 12 बिस्वा का आवंटन किया गया था जिसमें 111 बीघा 12 बिस्वा का कब्जा निगम द्वारा प्राप्त किया गया है एवं इन खसरा नंबरान की भूमि में राष्ट्रीय राजमार्ग से उत्तर- पूर्व की ओर राजकीय पशु उप स्वास्थ्य केन्द्र, पुलिस चौकी, मंदिर आदि निर्मित हैं। इसी प्रकार औद्योगिक क्षेत्र से के पश्चिमी भाग में रीको द्वारा नियोजित भूखण्ड संख्या जी-187, जी1 187(ए), जी 1-187(बी) व एच1-187(डी) की भूमि पर वर्तमान में पानी की टंकी, ग्राम पंचायत भवन राजीव गांधी सेवा केन्द्र व कुछ दुकानें निर्मित हैं एवं कुछ भूमि रिक्त पड़ी है। उन्होंने इसकी सूची सदन के पटल पर रखी।
उद्योग मंत्री ने बताया कि निगम को आवंटित खसरा नम्बरों के सीमाज्ञान करवाने एवं अतिक्रमणों को चिन्हित करवाने हेतु तहसीलदार चौमूं को एक दल गठित कर कार्यवाही करने हेतु 4 जुलाई, 2019 को पत्र को प्रेषित किया गया है एवं इस संबंध में पुनः तहसीलदार चौमूं को उनके पत्र क्रमांक 3516 दिनांक 7 फरवरी 2020 को लिखा गया। उन्होंने बताया कि रीको द्वारा भूमि के स्वामित्व को अपने नाम करवाये जाने हेतु माननीय न्यायालय अतिरिक्त कलक्टर तृतीय के यहां दावा संख्या 45/2014 द्वारा प्रार्थना पत्र दायर किया हुआ था, जिस पर दिनांक 30.12.2019 को माननीय न्यायालय द्वारा निगम के पक्ष में निर्णय दिया गया है।
उन्होंने बताया कि राजस्व रिकॉर्ड में उक्त निर्णय अनुसार निगम को आवंटित भूमि का नामान्तरण रीको के पक्ष में खुलवाने की कार्यवाही की जा रही है। तदोपरान्त निजी व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमित भूमि को खाली करवाए जाने हेतु कार्यवाही की जावेगी।
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