जयपुर । भारत
ने पिछले कुछ दशकों में खुद को एक 'इन्फॉर्मेशन इन्टेंसिव सोसायटी' में
बदल दिया है और आईसीटी को देश के शैक्षणिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण रूप से
शामिल किया गया है। कोविड-19 महामारी ने शिक्षा क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव
डाला है। इस समय के दौरान टेक्नोलॉजी ने छात्रों और शिक्षकों को जुड़े
रहने, व्यस्त रहने और उन्हें प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
यह बात राजसमंद सांसद दीया कुमारी ने स्पेन के मैड्रिड में अंतर संसदीय
संघ की असेंबली में कही। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 पर
प्रकाश डालते हुए, सांसद ने कहा कि भारत की परंपराओं और मूल्य प्रणालियों
का निर्माण करते हुए नीति में शिक्षा ढांचे के सभी पहलुओं में संशोधन और
सुधार का प्रस्ताव है। शिक्षा और प्रौद्योगिकी की परस्पर क्रिया भी एनईपी
का एक महत्वपूर्ण अंग है।
सांसद दीया ने देश में सभी शिक्षार्थियों
के लिए सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली सामग्री को मुफ्त में पहुंचाने के लिए
आईसीटी की क्षमता का लाभ उठाने के लिए 'नेशनल मिशन ऑन एज्युकेशन थ्रू
इन्फॉर्मेसन एंड कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी' (एनएमईआईसीटी) पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने आगे पीएम eVIDYA पहल पर बता की, जिसे आत्मनिर्भर भारत अभियान के
एक भाग के रूप में शुरू किया गया था और यह शिक्षा के लिए मल्टी-मोड एक्सेस
को सक्षम करने के लिए डिजिटल/ऑनलाइन/ऑन-एयर शिक्षा से संबंधित सभी प्रयासों
को जोड़ता है।
सांसद ने मौजूदा शिक्षा प्रणाली में मौलिक रूप से
बदलाव लाने के लिए महामारी को अवसर में बदलने की आवश्यकता और इसके साथ ही
पुन: कल्पना की गई शिक्षा प्रणाली का निर्माण करने पर जोर दिया।
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