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जयपुर। राजस्थान में सडक दुर्घटनाओं में गंभीर घायल व्यक्ति को कम से
कम समय में अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को 5 हजार रूपये एवं प्रशस्ति
पत्र से सम्मानित कर घायलों को सुरक्षा प्रदान करने वाली "जीवन रक्षक
योजना" के क्रियान्वयन के लिये वित्त विभाग द्वारा प्रक्रिया निर्धारित कर
दी गई है। प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोरा ने इस संबंध में दिशा
निर्देश जारी किए हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा
ने बताया कि बजट घोषणा के अनुसार "जीवन रक्षक योजना" का क्रियान्वयन
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से किया जायेगा। योजना का
सम्पूर्ण बजट समर्पित सड़क सुरक्षा कोष द्वारा वहन किया जायेगा। उन्होंने
बताया कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को समय से राज्य के सरकारी एवं
निजी अस्पताल में पहुँचाने वाले व्यक्ति इस योजना से लाभांवित होंगे।
5 करोड़ का होगा आवंटन
योजना
के सफल क्रियान्वन के लिए 5 करोड़ की राशि सड़क सुरक्षा कोष से जन
स्वास्थ्य विभाग के निदेशक को अग्रिम आवंटित की जाएगी। घायल व्यक्ति को
अस्पताल पहुॅचाने वाला भला व्यक्ति को स्वेच्छा से अपनी पहचान आदि देने तथा
योजना लाभ लेने को तैयार होने की स्थिति में अस्पताल के इमरजेंसी रूम में
कार्यरत मेडिकल अधिकारी द्वारा उसका नाम उम्र, लिंग, पता, मोबाईल नम्बर,
पहचान पत्र, बैंक खाता संख्या बताना होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि सड़क
दुर्घटना में घायल व्यक्ति को निकट के चिकित्सा संस्थान में पहुंचाने वाले
भले व्यक्ति के साथ सम्मान पूर्वक व्यवहार किया जाये। ऐसे भले व्यक्ति को
उसकी इच्छानुसार तत्काल अस्पताल छोड़ने की अनुमति दी जाये।
घायल की स्थिति का निर्णय सीएमओ करेगा
घायल
व्यक्ति, गंभीर श्रेणी का है तो उसकी मदद करने वाले भले व्यक्ति को पाँच
हजार एवं प्रशस्ति पत्र दिया जायेगा। एक से अधिक व्यक्ति होने की स्थिति
में सभी को प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार राशि समान रूप से विभाजित कर दी
जायेगी। उन्होंने बताया कि गंभीर घायल व्यक्ति से तात्पर्य है कि घायल जिसे
उपचार हेतु तुरन्त अथवा रेफर करने पर भर्ती करने की आवश्यकता हो। इसका
निर्णय कैसुअलिटी मेडिकल ऑफिसर के विवेकानुसार किया जायेगा।
2 दिन में मिलेगी प्रोत्साहन राशि
घायल
व्यक्ति, सामान्य घायल की श्रेणी के अंतर्गत आता है तो उसको अस्पताल
पहुंचाने वाले व्यक्ति को केवल प्रशस्ति पत्र दिया जायेगा। अस्पताल प्रशासन
द्वारा भले नागरिक को पुरस्कार राशि एवं प्रशस्ति पत्र दिये जाने की
अनुशंषा निदेशक, जनस्वास्थ्य को तीन दिवस के भीतर अस्पताल प्रशासन द्वारा
ई-मेल के माध्यम से भेजी जायेगी। निदेशक द्वारा अनुशंषा प्राप्त होने पर दो
कार्यदिवस के भीतर ही भले व्यक्ति के खाते में पुरस्कार राशि सीधे ही
डीबीटी द्वारा स्थानान्तरित की जायेगी एवं प्रशस्ति पत्र भले व्यक्ति के
पते पर स्पीड पोस्ट के माध्यम से प्रेषित किया जायेगा।
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