जयपुर। दीपावली के अवसर पर सांगानेर में आयोजित मिलन समारोह में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने भाषण में बड़े-बड़े वादों का पिटारा तो खोल दिया, लेकिन अपने ही विधानसभा क्षेत्र की जमीनी समस्याओं पर चुप्पी साधे रहे। जनता को जहां अपने इलाके की पानी निकासी, ट्रैफिक जाम, और स्थानीय विकास पर ठोस बातें सुनने की उम्मीद थी, वहीं सीएम साहब ने खुद की छवि चमकाने पर अधिक ध्यान दिया।
जनता को सालों से चली आ रही समस्याओं का समाधान सुनने की आशा थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने इसे नजरअंदाज कर सिर्फ अपने आगामी वादों और योजनाओं का बखान किया। सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों को भरने का वादा करते हुए सीएम ने 60,000 चतुर्थ श्रेणी पदों की घोषणा की, लेकिन ये पद इतने समय से खाली क्यों थे, इसका जवाब देना उचित नहीं समझा। यही नहीं, उन्होंने यह भी कह दिया कि ये पद तो सालों से खाली थे, मानो यह उनकी सरकार की जिम्मेदारी ही न हो। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इसके अलावा, सीएम ने राइजिंग राजस्थान और जल समझौता जैसी बड़ी परियोजनाओं का उल्लेख तो किया, लेकिन सांगानेर के स्थानीय मुद्दों पर कोई ठोस योजना नहीं रखी। सड़कों की दुर्दशा, जल निकासी की बदहाली और बुनियादी सुविधाओं की कमी जैसी बातें कहीं खो गईं।
सीएम साहब का भाषण स्थानीय जनता की आवाज को पूरी तरह दरकिनार करते हुए सिर्फ एकतरफा वादों और विकास की तस्वीरें पेश करने तक सीमित रह गया। जनता की आवाज को सुने बिना अपनी बातों पर ही अडिग रहना, ये जाहिर करता है कि शायद उनके लिए सत्ता और छवि को बनाए रखना प्राथमिकता बन चुकी है।
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