जयपुर। समाज-परिवार-व्यक्ति में लिंग आधारित भेदभाव की सोच ने बहुत गहरी जड़ें बना रखी हैं। यह भेदभाव किसी न किसी रूप में अधिकांश के स्वभाव में शामिल है। पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ द्वारा पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन, डाटर्स आर प्रीसियस जन-जागरुकता कैम्पेन के साथ स्वयंसेवी संगठनों, मीडिया सहित अन्य नागरिक संगठनों के साझा प्रयासों से भेदभाव की इस इबारत को ध्वस्त किया जा सकता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
स्वास्थ्य सचिव एवं मिशन निदेशक नवीन जैन गुरुवार को स्वयंसेवी संस्था प्लान इंडिया व एसआरकेपीएस के संयुक्त तत्वावधान में स्थानीय होटल ओम टावर में जेंडर आधारित भेदभाव विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ की मुहिम में मीडिया की भूमिका प्रशंसनीय है। उन्होंने सक्रिय सहयोग के लिए मीडिया का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने पीसीपीएनडीटी एक्ट विषय पर प्रकाशित पुस्तक का भी विमोचन किया।
मिशन निदेशक ने कहा कि राज्य पीसीपीएनडीटी सैल बेटी बचाओ की मुहिम को एक मिशन बनाकर आगे बढ़ रही है। पीसीपीएनडीटी सैल द्वारा अब तक कुल 83 डिकॉय ऑपरेशन किए जा चुके हैं। डिकॉय कार्रवाई से प्रदेश के मुखबिरों में विश्वास कायम किया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन प्रयासों से भविष्य में 6 वर्ष तक के लिंगानुपात में व्यापक सुधार होगा। उन्होंने स्वयंसेवी संस्थाओं से आमजन में जागरुकता लाने को प्राथमिक एजेंडा बनाकर कार्य करने का आव्हान किया।
मुख्तार अंसारी की मौत : पूर्वांचल के चार जिलों में अलर्ट, बांदा में भी बढ़ी सुरक्षा, जेल में अचानक बिगड़ी थी तबीयत
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक कश्मीर में नजरबंद
शराब घोटाला मामला: एक अप्रैल तक ईडी की हिरासत में केजरीवाल
Daily Horoscope