जयपुर। कांग्रेस शासन के दौरान जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) में सेक्टर सड़कों के नाम पर लैंड फॉर लैंड पॉलिसी की आड़ में हुए जमीन घोटाले पर भाजपा सरकार एक्शन में आ गई है। नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबरमल खर्रा ने मंगलवार को इस पॉलिसी के तहत जमीन के बदले जमीन देने पर रोक लगा दी।
जेडीए में हुए इस जमीनी भ्रष्टाचार का मुद्दा सबसे पहले खास खबर डॉट कॉम ने 18 मई 2023 को उठाया था। इसके बाद से खासखबर डॉट कॉम लगातार इस मुद्दे को उठाता रहा है।
उन्होंने जेडीए आयुक्त को निर्देश दिए कि पिछले 5 वर्षो में भूमि के बदले भूमि के कितने प्रकरण आए हैं। उनकी सूची एक सप्ताह में तैयार कर प्रस्तुत करें। भूमि के बदले भूमि से संबंधित प्रकरणों में भविष्य में कोई भी कार्यवाही ना करें जो प्रकरण जिस स्थिति में हैं आगामी आदेशों तक उसे वही रोका जाए। सभी प्रकरणों की पूर्ण समीक्षा पश्चात ही आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। उन्होनें यू - 1, यू - 2, यू - 3, इकोलॉजिकल क्षेत्र व ग्रामीण क्षेत्र में चल रही किसी भी प्रकार की अनधिकृत गतिविधियां को तुरंत प्रभाव से रोकने के निर्देश भी दिए।
उन्होनें जेडीए आयुक्त जोगाराम से कहाकि द्रव्यवती नदी परियोजना में शेष रहे कार्यो की सूची प्रस्तुत करें एवं परियोजना में साफ पानी नहीं आने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है, इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होनें जेडीए में 90 ए की कार्यवाही होने के पश्चात ले-आउट अनुमोदन से संबंधित कितने प्रकरण किस-किस जोन में कितने दिनों से लंबित है एवं किस वजह से लंबित हैं, की रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए।
उन्होनें पूछा कि जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा एसएमएस अस्पताल में निर्माणाधीन आईपीडी टावर के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं, उनका तीन दिवस में संक्षिप्त विवरण तैयार कर प्रस्तुत करें। उन्होनें यह भी पूछा कि अवाप्तशुदा भूमियों के संबंध में विभिन्न न्यायालयों में कितने वाद लंबित है, उन पर आदिनांक तक क्या कार्रवाई की गई है। उनकी सूची तैयार कर उनका यथाशीघ्र निस्तारण करने के लिए प्रभावी पैरवी की जाये एवं इस संबंध में विस्तृत नोट प्रस्तुत करें।
बता दें कि खासखबर डॉट कॉम ने अपनी खबर में बताया था कि जेडीए के अफसर सेक्टर सड़कों के लिए खराब किस्म की जमीनेंं समर्पित करवाकर मनमाने ढंग से बेशकीमती जमीनें दलालों और प्रॉपर्टी डीलरों के माध्यम से अलॉट कर रहे हैं। केवल एक जोन-14 में ही करीब 1000 करोड़ रुपए की जमीनों का खेल हुआ है। उपायुक्त द्वारा महंगी जमीन अलॉट करने के नाम पर खुलकर रिश्वत मांगी जा रही थी। इसकी शिकायत एसओजी को भी हुई है।
नगरीय विकास आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबर मल खर्रा ने मंगलवार को नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन विभाग के अफसरों की मीटिंग में इस खेल पर पूरी तरह रोक लगाने के आदेश दिए। उन्होंने कहाकि 31 जनवरी के बाद सभी कार्य ऑनलाइन ही किए जाएं। 100 दिन की ऐसी कार्य योजना बनाएं जो वास्तविक रूप से धरातल पर नजर आए।
बैठक में आयुक्त जयपुर विकास प्राधिकरण डाॅ जोगाराम, आयुक्त राजस्थान आवासन मंडल कुमार पाल गौतम, निदेशक स्वायत्त शासन विभाग हृदेश कुमार शर्मा, आयुक्त नगर निगम हैरिटेज अभिषेक सुराना, आयुक्त नगर निगम ग्रेटर रूकमणि रियार, संयुक्त सचिव नगरीय विकास विभाग, सचिव जेडीए सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सफाई कर्मियों को अब सफाई कार्य ही करना होगाः
इधर, नगर निगम, नगर परिषद और नगरपालिकाओं में पिछले दिनों भर्ती हुए सफाई कर्मियों को लेकर मंत्री झाबरमल खर्रा ने कहा कि जो सफाई कर्मी अफना मूल काम नहीं कर रहे हैं। उनसे मूल कार्य सफाई ही कराया जाए। बता दें कि सफाई कर्मियों की भर्ती में आरक्षण नियमों के तहत सामान्य वर्ग के भी कई लोग नौकरी लग गए है। लेकिन, वे राजनीतिक संरक्षण और सिफारिश के तहत सफाई कार्य करने के बजाय कलेक्टर, आयुक्त, मेयर, चेयरमैन, पार्षद आदि के यहां क्लर्क आदि का काम कर रहे हैं।
बाल्मीकि समाज के लोग लगातार मांग कर रहे हैं कि सफाई कर्मियों के पदों पर लगे गैर वाल्मीकि कर्मचारियों से सफाई कार्य ही कराया जाए। मंत्री ने भी माना कि इस संबंध में उन्हें भी कई शिकायतें मिली हैं। इसलिए जल्दी ही इनके बारे में आदेश जारी किए जाएं।
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