जयपुर। राज्य सरकार द्वारा लाया जा रहा राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में डॉक्टरों ने प्रस्तावित ड्राफ्ट की प्रतियां जलाई। ये सभी डॉक्टर राइट टू हेल्थ बिल में संशोधन की मांग कर रहे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इन डॉक्टरों ने विसंगतियों की जानकारी देते हुए बताया कि जनता से मांगे गए सुझावों को इस बिल में शामिल नहीं किया गया। बिल के मौजूदा ड्राफ्ट में इमरजेंसी की परिभाषा को परिभाषित नहीं किया गया है। एक्सीडेंट के मामले में घायलों को पहुंचाने वालों को तो 5000 रुपए का इनाम है, लेकिन इलाज करने वाले डॉक्टरों को कुछ नहीं है। इस बिल में पंच, सरपंच, जिला परिषद सदस्यों को शामिल कर एक काला कानून बना दिया है। पहले ही प्राइवेट अस्पतालों पर 50 से अधिक लाइसेंस का भार है। इनका उल्लंघन होने पर अस्पताल सीज कर दिए जाते हैं। अस्पतालों में तमाम सरकारी सुविधाओं पर कॉमर्शियल रेट वसूली जाती है।
राइट टू हेल्थ बिल के ड्राफ्ट में जिला स्तरीय, राज्य स्तरीय कमेटियों में पंच, सरपंच, जिला परिषद सदस्यों व अधिकारियों को शामिल किया गया है। इन कमेटियों को निजी अस्पतालों का निरीक्षण करने, तलाशी लेने और सीज करने का अधिकार है। इन कमेटियों के निर्णय के खिलाफ कहीं भी अपील करने का अधिकार नहीं है जबकि देश में मर्डर करने वालों को भी सुप्रीम कोर्ट तक अपील करने का अधिकार है। इन पर विचार करने की जरूरत है।
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य डॉ. संजीव
गुप्ता ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर राइट टू हेल्थ बिल में
संशोधन कर लागू करने की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि संशोधन करने के
बाद यह बिल लागू होता है तो वो जनता और डॉक्टरों के हित में होगा। यह कानून
लागू करने वाला राजस्थान पहला राज्य बन जाएगा। लेकिन अफसर अपनी नाकामियों
को छिपाने के लिए किसी को भी बदनाम कर सकते हैं।
अफसर मुझे बदनाम करेंगे : डॉ. संजीव गुप्ता
उधर, राजस्थान कांग्रेस कमेटी के सदस्य डॉ. संजीव
गुप्ता ने लिखा है कि कुछ अफसर मुझे गहलोत विरोधी, कांग्रेस विरोध कहेंगे,
मेरा चरित्र हनन करने का हर संभव प्रयास करेंगे। किसी भी मीटिंग में मुझे
नहीं बुलाया जाएगा। सच यह है कि मैं खुद चाहता हूं कि प्रदेश में राइट टू
हेल्थ बिल मरीजों व डॉक्टरों दोनों के बीच व्यवहारिक बनाकर शत प्रतिशत लागू
किया जाए। यह अभिनव पहल होगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ही सबसे पहले यह
सोचा है कि जनता को स्वास्थ्य का अधिकार मिले।
First Phase Election 2024 : पहले चरण में 60 प्रतिशत से ज्यादा मतदान, यहां देखें कहा कितना मतदान
Election 2024 : सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल और सबसे कम बिहार में मतदान
पहले चरण के बाद भाजपा का दावा : देश में पीएम मोदी की लहर, बढ़ेगा भाजपा की जीत का अंतर
Daily Horoscope