जयपुर। जयपुर पुलिस ने भांकरोटा थाना क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण
कार्रवाई करते हुए 12 संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान की है। इस
कार्रवाई में 6 संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों के अलावा एक भारतीय सहयोगी को
भी गिरफ्तार किया गया है।
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जयपुर (पश्चिम) के पुलिस उपायुक्त
आईपीएस अमित कुमार ने बताया कि इस कार्रवाई की शुरुआत 20 अक्टूबर 2024 को
हुई, जब एक मुखबिर ने भांकरोटा क्षेत्र में संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों
की मौजूदगी की सूचना दी। इसके बाद, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त आलोक सिंघल और
सहायक पुलिस आयुक्त हेमेन्द्र शर्मा की देखरेख में एक संयुक्त टीम का गठन
किया गया।
पुलिस टीम ने भांकरोटा थाना क्षेत्र के जेडीए फ्लैट में
जाकर जांच शुरू की। वहां पर 44 वर्षीय सोहाग खान और उसकी बहन शबनम सहित
अन्य परिवार के सदस्यों से पूछताछ की गई। सोहाग के पास बांग्लादेशी
पासपोर्ट की एक फोटोकॉपी मिली, जिसमें उसका नाम "सोहाग नवाज" दर्ज था। इसके
साथ ही, उसके पास भारतीय पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, श्रम कार्ड,
ड्राइविंग लाइसेंस भी मिले।
इस कार्रवाई में कुल 6 संदिग्ध
बांग्लादेशी नागरिकों और 1 भारतीय सहयोगी को गिरफ्तार किया गया। इनमें से 6
परिवार के सदस्य नाबालिग और दिव्यांग हैं, जिन्हें देखभाल के लिए
सीडब्ल्यूसी (चाइल्ड वेलफेयर कमेटी) और शिशुगृह में दाखिल कराया गया है।
पुलिस
ने कार्रवाई के दौरान कई संदिग्ध बांग्लादेशी दस्तावेज भी जब्त किए हैं,
जिनमें जन्म प्रमाण पत्र, राष्ट्रीय पहचान पत्र, और बांग्लादेशी स्कूल
प्रमाण पत्र शामिल हैं। इन दस्तावेजों की फोटोकॉपियां भी जब्त की गईं।
इसके
अलावा, एक अन्य संदिग्ध, उस्मान खान, जो शबनम और सोहाग खान के परिवार का
करीबी संबंधी है, के पास से कई फर्जी भारतीय पहचान पत्र और दस्तावेज भी
मिले। उसने बताया कि उसने बांग्लादेशी नागरिकों के लिए फर्जी पहचान पत्र
तैयार कराए थे ताकि वे भारतीय नागरिक के रूप में रह सकें।
गिरफ्तार
किए गए संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों में सोहाग खान (44 साल), नसरीन खानम
(25 साल), मोईन खान (19 साल), शबनम (51 साल), शिवा खान (25 साल), शवनूर (22
साल)। इनके साथ ही उस्मान खान (28 साल) को भी गिरफ्तार किया गया है, जो कि
भारतीय सहयोगी है।
यह कार्रवाई इस बात की ओर इशारा करती है कि
जयपुर पुलिस विदेशी नागरिकों के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है, खासकर जब उनकी
पहचान और दस्तावेज संदिग्ध हों। पुलिस ने इस मामले में आगे की जांच जारी
रखी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अवैध गतिविधियों में संलिप्त किसी
भी व्यक्ति को बख्शा न जाए।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है
कि पुलिस की सतर्कता और प्रभावी कार्यवाही से अवैध निवासियों की पहचान की
जा सकती है, जिससे समाज में सुरक्षा की भावना बढ़ती है।ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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