जयपुर। आईएएस एसोसिएशन की साहित्यिक सचिव तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव मुग्धा सिन्हा ने शनिवार को बताया कि एसोसिएशन की ओर से साहित्यिक संवाद कार्यक्रम के तहत शनिवार को झालाना संस्थानिक क्षेत्र स्थित भामाशाह टेक्नोहब में प्रातः 11 बजे डॉ. संजय कुमार द्वारा रचित ‘‘कटिहार से कैनेडी, दि रोड लेस ट्रेवल्ड’’ पर लेखक के साथ आंचल सिंह ने संवाद किया।
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इस अवसर पर लेखक डॉ. संजय कुमार ने कहा कि जीवन में संघर्ष या हार स्थायी नहीं होती और ऎसी परिस्थितियों में व्यक्ति को टूटना या हारना नहीं चाहिये। पढ़ाई और एक्सपोजर के द्वारा लगातार प्रेरित होकर संघर्ष और हार को जीत में बदला जा सकता है। उन्होंने कहा कि मानवीय रिश्ते की बेहतरी के लिये लोगों को ही बदलाव के लिये लगातार प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था में मोबाइल एवं सोशल मीडिया का उपयोग कैसे हो, इसको बताने की आवश्यकता है।
डॉ. कुमार ने कहा कि प्रत्येक बच्चा यूनिक होता है, लेकिन सभी एक जैसे नहीं होते। अतः माता-पिता को यह समझना चाहिये कि वे बच्चे को क्या देना चाहते हैं। उन्होंने सलाह दी कि कुछ चीजे समय के लिये छोड़ देनी चाहिये। उन्होंने कहा कि फेलियर परमानेंट नहीं होता और सही रास्ते पर जाकर उसको जीत में बदला जा सकता है। डॉ. कुमार ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था, महिलाओं की स्थिति, छात्र-छात्राओं में संवाद, दिल्ली, जवाहर लाल नेहरू एवं हॉवर्ड विश्वविद्यालय के गुण दोष, शिक्षा व्यवस्था सहित अन्य पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।
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