जयपुर। समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को बीमा राशि के भुगतान की मांग को लेकर किसान नेता रामपाल जाट का आमरण अनशन गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आम आदमी पार्टी के नेता रामपाल जाट ने राज्य सरकार पर किसान विरोधी और अहंकारी होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार इस मामले में कितनी भी क्रूरता दिखा दे उनका अनशन और आंदोलन मांगें पूरी ना होने तक जारी रहेगा। सनद रहे कि राज्य सरकार ने किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी की चुनाव घोषणा पत्र समिति के चेयरमैन रामपाल जाट को आमरण अनशन पर बैठने के लिए स्थान की अनुमति अभी तक नहीं दी है। जिसके चलते वे अपना अनशन चलते-फिरते कर रहे हैं। आदर्श नगर गीता भवन में बैठे जाट नेता और उनके समर्थकों को पुलिस ने गुरूवार सुबह जबरन हटा दिया। इसके बाद वे एक रिक्शे में बैठकर चलते फिरते अनशन जारी रखे हुए हैं।
एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा कि सरकार कठोर तो हो सकती है लेकिन इनती क्रूर होगी,ऐसा सोचा भी नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उनके जीवन के साथ खिलवाड़ करने का पक्का फैसला कर लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के इशारे पर पुलिस प्रशासन इस धरने और अनशन के लिए जगह की मंजूरी नहीं दे रहा है। जयपुर में पुलिस के चारों उपायुक्तों में अनशन स्थल की मंजूरी न देने और उन्हें एक जगह से दूसरी जगह भेजने पर आमादा हैं। हर उपायुक्त उनसे कह रहा है कि वे आंदोलन उसके इलाके को छोड़कर और कहीं भी कर लें। स्थिति यह है कि वे गीता भवन में बैठे थे। सुबह पुलिस वाले आए और उन्हें वहां से हटा दिया। साथ ही गीता भवन के संचालकों को बिल्डिंग सीज करने की धमकी दी गई। जाट ने कहा कि सरकार का यह तानाशाही रवैया उनके दृढ संकल्प को नहीं डिगा पाएगा, किसानों के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी इस लड़ाई में पूरी तरह से उनका साथ दे रही है। पार्टी का कार्यकर्ता उनके साथ खड़ा हुआ है। ऐसे में उनकी ताकत और बढ़ गई है। इस मौके पर आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी दीपक बाजपेयी ने कहा कि समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद शुरू करने और बीमा योजना को लेकर शुरू हुआ यह आंदोलन किसान की अस्मिता और अधिकार की लड़ाई बन गया है। यह लड़ाई सरकार के हिमालय जैसे अहंकार और उसकी पूंजीवादी सोच के खिलाफ है। प्रदेश की सरकार ने इन किसानों से जुड़े आंदोलन को लेकर जो रूप दिखाया है उससे उसका दोहरा चरित्र सामने आ गया है। प्रदेश का किसान उसके साथ हो रहे अपमान को देख रहा है। बाजपेयी ने कहा कि ऐसा तो अंग्रेजों के शासन के दौरान भी नहीं होता था। राजस्थान में एक किसान नेता किसानों के हित की बात रखने के लिए सरकार से मिलना चाहता, उसे टाइम नहीं दिया जाता। ध्यान दिलाने के लिए आमरण अनशन के लिए जगह मांगता, उसके लिए उसे धक्के खाने पड़ रहे हैं।
इस अलोकतांत्रिक रवैये को आम किसान देख रहा है बाजपेयी ने कहा कि तमाम बाधाओं के बावजूद रामपाल जाट आंदोलन जारी रखे हुए हैं। तीन दिन में उनका तीन किलोग्राम वजन कम हुआ है। डिहाइड्रेशन होने के बाद भी वे अपने संकल्प पर कायम है। पत्रकार वार्ता में राजस्थान के सहप्रभारी खेमचंद जागीरदार, आम आदमी पार्टी राजस्थान के समन्वयक देवेन्द्र शास्त्री,लीगल सेल के चेयरमैन पूनम चंद भंडारी समेत अन्य नेता मौजूद रहे।
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