जयपुर । प्रदेश में मंदिर माफी की भूमि को पुजारियों को हस्तांतरित करने को लेकर कैबिनेट सब कमेटी की बैठक में फिलहाल कोई फैसला नहीं हो सका है।
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प्रदेश के यूडीएच मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने बताया कि वर्ष 1991 में एक कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर माफी की भूमि को पुजारियों के नाम करने पर रोक लगी हुई थी। लेकिन एक अर्से से पुजारियों की मांग है कि मंदिर माफी की जमीन उनके नाम की जाए, जिससे वह कृषि कार्य करके अपनी रोजी-रोटी चला सके। उन्होंने बताया कि ऐसी भूमि सिर्फ दो बीघा, या दस बीघा या इससे भी कम है।
वहीं देवस्थान मंत्री राजकुमार रिणवा ने बताया कि प्रदेश में 65 हजार रजिस्टर्ड मंदिर है, जबकि एक लाख से अधिक मंदिर ऐसे है, जो रजिस्टर्ड नहीं है। उन्होंने बताया कि मंदिर माफी की भूमि को लेकर फैसला होने से एक लाख से अधिक पुजारियों को फायदा होगा। राजस्व मंत्री अमराराम चौधरी का कहना है कि कैबिनेट सब कमेटी जल्द ही अपना फैसला करेगी, जिससे कि पुजारियों का खातेदारी में नाम लिखा जा सके।
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