जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि सस्ती, सहज और बिना किसी साईड इफैक्ट वाली चिकित्सा सेवाएं आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत हैं। होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति इस लिहाज से महत्वपूर्ण बनकर उभरी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज्यपाल मिश्र शनिवार को विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर यहां राजभवन से होम्योपैथी विश्वविद्यालय जयपुर के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आॅफ होम्योपैथी भवन के उद्घाटन के अवसर पर ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे। उन्होंने होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के प्रवर्तक डाॅ. सेमुअल हेनीमेन के 267 वें जन्म दिवस के अवसर पर बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पूरी तरह से तार्किक और व्यक्तिपरक दवा चिकित्सा प्रणाली है। इसमें व्यक्ति के बाहरी पक्ष से नहीं बल्कि उसके आन्तरिक लक्षणों को देखकर और समझकर इलाज किया जाता है।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि कोविड-19 महामारी की कठिन परिस्थिति में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और रोग प्रतिरक्षा का निर्माण करने में आयुष (आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध तथा होम्योपैथी) के महत्व को सभी ने स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि इन चिकित्सा पद्धतियों के उपयोग के बेहतरीन परिणाम को देखते हुए ही केन्द्र सरकार ने आयुष सेवाओं को देश की स्वास्थ्य सुरक्षा प्रणाली के सभी स्तरों पर शामिल किया है।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में होम्योपैथिक दवाओं से सम्बंधित जागरूकता अभियान चलाकर इस सस्ती, सहज और वैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति की सही जानकारी आमजन तक पहुंचाने की जरूरत है।
राज्यपाल मिश्र ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आॅफ होम्योपैथी के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन भी किया।
समारोह में होम्योपैथी विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन डाॅ. गिरेन्द्र पाल, अध्यक्ष डाॅ. ए.एन. माथुर, सचिव डाॅ. के.सी. भिण्डा, कुलसचिव डाॅ. तारकेश्वर जैन, प्राचार्य डाॅ. अतुल कुमार सिंह ने भी विचार व्यक्त किए।
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