जयपुर। गुसांई दशनामी हितकारिणी समिति राजस्थान जयपुर के तत्वावधान में रविवार को गुलाब बिहार गार्डन शोपुर रोड प्रताप नगर जयपुर में आध्य गुरु शंकराचार्य जी की जयंती मनाई गईl
कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वामी ब्रह्मपरानंद सरस्वती आर्ष तीर्थ आश्रम जयपुर, मुख्य अतिथि डॉक्टर श्याम सुंदर गोस्वामी एवं मुख्य वक्ता श्रीश्री 108 स्वामी श्री शंकर पुरी महाराज पीलवा आश्रम नागौर ने आदिगुरु शंकराचार्य जी के जीवन पर प्रकाश डाला।
शंकराचार्य के महत्वपूर्ण वचन ब्रह्म सत्य जगन मिथ्या को उद्रत करते हुए बताया कि सत्य तो केवल ब्रह्म है बाकी संसार में जो कुछ दिखाई देता है वह सदा सद है। कार्यक्रम के अध्यक्ष स्वामी ब्रह्मापरानंद सरस्वती ने बताया जिस समय आदि गुरु शंकराचार्य का प्रादुर्भाव हुआ उस समय देश में सनातन संस्कृति लुप्त प्राय हो गई थी। ऐसे समय में सनातन वैदिक धर्म के उत्थान के लिए शंकराचार्य ने देश की चारों दिशाओं में चार मठों की स्थापना कीl
उत्तर में ज्योर्तिमठ, दक्षिण में श्रृंगेरी मठ पूर्व में गोवर्धन मठ एवं पश्चिम में शारदा मठ। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
चारों में चार शंकराचार्य नियुक्त किए जो हिंदू धर्म की व्याख्या करते हैं। कार्यक्रम की शुरुआत में तेजस्विनी गिरी ने क्लासिकल सॉन्ग, प्रसिद्ध कथक गुरु डॉ ज्योति भारती के शिष्यों ने कत्थक नृत्य की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की प्रस्तावना हितकारिणी समिति के अध्यक्ष जसराम गोस्वामी ने की।समिति के सचिव दिनेश गुरुजी ने सबका माल्यार्पण कर स्वागत किया। इंद्र गिरी गोस्वामी ने अतिथियों का आभार प्रकट किया।
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