राज्यपाल
ने ग्रांट का सही समय पर पूरा उपयोग नहीं किये जाने के कारणों की विस्तृत
जानकारी चाही है। उन्होंने कहा कि राशि का समुचित व समयबद्ध उपयोग न होने
के कारण ही विश्वविद्यालयों को भविष्य में मिलने वाली राशि पर भी प्रतिबंध
लग जाता है। इससे विश्वविद्यालयों का विकास बाधित होता है और
छात्र-छात्राओं को मिलने वाली सुविधाएं भी रूक जाती हैं। राज्यपाल ने कहा
कि विश्वविद्यालय प्रत्येक ग्रांटस का वर्षवार उल्लेख कर खर्च करने की
स्थिति को स्पष्ट करे। ये भी पढ़ें - एक घंटे तक पूजा पाठ के बाद एमबीएस अस्पताल में बुलाई आत्मा और साथ ले गए
कुलाधिपति कल्याण
सिंह राज्य की उच्च शिक्षा की बेहतरी के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्हें
विद्यार्थियों के भविष्य की चिंता है। सिंह समय-समय पर
विश्वविद्यालयों के कार्यकलापों व गतिविधियों की समीक्षा कर उच्च शिक्षा
में आ रही बाधाओं को समय पर निस्तारण करने का पूरा प्रयास करते हैं।
राज्यपाल
ने कहा है कि किसी भी संस्था की उत्तरोत्तर प्रगति के लिए वित्तीय अनुशासन
बनाये रखना जरूरी है। इसके लिए कुलपतिगण अपने स्तर पर समय-समय पर वित्तीय
प्रबंधन की समीक्षा करें। ग्रांट की संभावनाओं का परीक्षण करें ताकि
अनुदान के समुचित व समयबद्ध उपयोग के बारे में नियमित अनुश्रवण हो सके।
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